Monday, October 28, 2024
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Homeअन्यक्राइमशरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर फिर टली सुनवाई

शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर फिर टली सुनवाई

नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने और यूएपीए के मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है। भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई 26 मई तक के लिए टाल दी है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने शरजील इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर को निर्देश दिया कि वे जिन दस्तावेज पर भरोसा करते हैं वो दो हफ्ते में कोर्ट में दाखिल करें।

सुनवाई के दौरान मीर ने कहा कि शरजील इमाम पर दो भाषण देने का आरोप है। एक जामिया युनिवर्सिटी में 13 दिसंबर 2019 को और दूसरा 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 25 जनवरी 2020 को एफआईआर दर्ज किया था और वो 28 जनवरी 2020 से हिरासत में है। शरजील के खिलाफ एक ही भाषण देने के लिए पांच से छह एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसी मामले में जमानत दे रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि कोई हिंसा नहीं हुई है।

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मीर ने कहा कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत खारिज करते समय कोई कारण नहीं दिया है। केवल इस आधार पर जमानत दी है कि कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है। मीर ने कहा कि शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए। तब जस्टिस मृदुल ने मीर से पूछा कि आप हमें ये बताइए कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्या था। क्या इस एफआईआर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विचार किया था। तब मीर ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में दिए गए भाषण पर विचार किया था। तब जस्टिस मृदुल ने कहा कि वो भाषण और एफआईआर दिखाइए। आप ये सब कुछ कोर्ट में दो हफ्ते के अंदर दाखिल करें।

कोर्ट ने 29 अप्रैल को नोटिस जारी था। 11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया। यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था।

वहीं जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका के लिए कोर्ट की ओर से 19 मई तारीख तय की गई है। शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस केस के लिए नई तारीख दी। बता दें कि फरवरी 2020 में खालिद के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
निचली अदालत ने 24 मार्च को खालिद को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि उसके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं।

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