Sunday, November 24, 2024
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Hathras Stampede: हादसा या साजिश ? कल हाथरस जाएंगे CM योगी, मुआवजे का किया ऐलान 

Hathras Stampede, हाथरसः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र स्थित रतिभानपुर में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योदी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है।

मुआवजे का किया ऐलान 

उधऱ हादसे पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का भी ऐलान किया है। खबर आ रही है कि कल (बुधवार) सीएम योगी आदित्यनाथ घटनास्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है और अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

Hathras Stampede: 80 हजार से ज्यादा लोगों की जुटी थी भीड़

बता दें कि बाबा भोलेनाथ के सत्संग में 80 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इस दौरान भगदड़ के बीच बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। बाबा ने समागम आयोजित करने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब बाबा को इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की अनुमति दी गई थी तो उनके बैठने और निकलने का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि समागम में अलग-अलग राज्यों से लोग शामिल हुए थे। हादसे से चारों तरफ मातम छा गया।

ये भी पढ़ेंः-Hathras stampede: हाथरस भगदड़ में 100 से अधिक की मौत, CM योगी ने दिए जांच के आदेश

वहीं इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद में अपने भाषण के दौरान हाथरस हादसे पर दुख जताया। उन्होंने सभी पीड़ितों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने सदन को भरोसा दिलाया है कि सभी पीड़ितों की हर कीमत पर मदद की जाएगी। प्रशासन राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।

आपातकालीन का सामना करने की नहीं थी तैयारी 

बताया जा रहा है कि बाबा को प्रशासन से सभा आयोजित करने की अनुमति मिली थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि सभा में कितने लोग शामिल होंगे? सभा में सुरक्षा के लिए 40 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन वहां न तो कोई एंबुलेंस थी और न ही कोई फायर ब्रिगेड की गाड़ी। आमतौर पर जब इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होता है तो प्रशासन हर तरह की आपातकालीन स्थिति का सामना करने की पूरी तैयारी करता है, लेकिन यहां ऐसी कोई तैयारी नहीं की गई थी। ये हादसा या फिर साजिश ? अब इस हादसे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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