चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी कर सकती है। इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा गठित कमेटी ने शुक्रवार रात चंडीगढ़ में कई घंटों तक मंथन किया। नौ वरिष्ठ अधिकारियों की इस कमेटी में आठ आईएएस अधिकारी हैं। देर रात तक चली बैठक में सभी विभागों में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों का पूरा ब्योरा तलब कर ऐसी नीति बनाने पर सहमति बनी, जिसे कोर्ट में चुनौती न दी जा सके।
जल्द रिपोर्ट देने का आदेश
फिलहाल पांच साल, 10 साल, 15 साल और 20 साल से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों का ब्योरा जुटाकर मंथन शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने नौ वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाई है, जिसमें आईएएस विजयेंद्र कुमार, डी सुरेश, विकास गुप्ता, डॉ. अमित अग्रवाल, जे गणेशन, पंकज, डॉ. आदित्य दहिया, जितेंद्र कुमार और राजेंद्र वर्मा सदस्य हैं। अधिकारियों की कमेटी को अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने के सभी विकल्पों पर जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पांच अगस्त को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जा सकता है। हाल ही में हाईकोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की दिशा में काम करने को कहा था। इसके लिए सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों से पांच साल से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों की सूची मांगी थी।
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इन कर्मचारियों की जुटाई जाएगी जानकारी
आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पॉलिसी 2 के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्योरा जुटा लिया गया है। बी, सी और डी श्रेणी के पदों पर पांच से 10 साल से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों की जानकारी जुटा ली गई है। हरियाणा सरकार की मंशा है कि शुरुआत में डीसी रेट और एडहॉक पर लगे कर्मचारियों को स्थायी करने का मौका दिया जाए। इसके बाद अन्य श्रेणी के कर्मचारियों पर विचार किया जाएगा, क्योंकि हरियाणा में अलग-अलग आउटसोर्सिंग नीतियों के तहत अनुबंध आधार पर कर्मचारियों की भर्ती की गई है।
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