चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने लावारिस गायों व गौवंशियों से प्रदेशवासियों को मुक्ति दिलाने की चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रदेश में हर तरह के जानवरों की टैगिंग करवाने का फैसला किया है। अब गौशालाओं में आने वाली लावारिस गायों तथा गौवंशियों को टैगिंग के बाद ही एंट्री मिलेगी। दूध देने वाले पालतू पशुओं को रोजाना सडक़ों पर छोड़ने वाले मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में बुधवार को गौ सेवा आयोग की बैठक हुई। प्रदेश सरकार ने हाल ही में गौ सेवा आयोग के बजट को 40 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ कर दिया है। नया बजट अलाट होने के बाद बुधवार को यह पहली बैठक थी।
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि गायों व गौवंशियों की टैगिंग का काम जल्द शुरू होगा। गौशालाओं में जो नए पशु आएंगे उनकी तथा पालतू पशुओं की भी टैगिंग होगी। शहरी क्षेत्रों के पशुओं पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। दलाल ने बताया कि प्रदेश की सडक़ों पर घूमने वाले गौवंशियों को गौशाला तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में गौ चरांद की जमीन पर गौशाला बनाने का फैसला हो चुका है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में गौ-वन विकसित किए जाएंगे। जिसके तहत जमीन की फैंसिंग करके वहां गौवंशियों को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि जो गौशालाएं सड़कों पर घूमने वाले गौवंशियों को अपने पास रखेंगे, उन्हें विशेष अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश की सड़कों पर घूमने वाले गौवंशियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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