Haridwar News : मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड से निजी संस्था को सौंपने का एनएसयूआई ने विरोध जताया। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष याज्ञिक वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय जनहित में नहीं है। सरकारी मेडिकल कॉलेज का निजीकरण किया जा रहा है। इससे भविष्य के चिकित्सकों और सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले प्रभावित होंगे। NSUI मेडिकल छात्रों के साथ है और उनके आंदोलन, मांगों का समर्थन करती है।
याज्ञिक वर्मा ने प्रशासन पर लगाए आरोप
प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान याज्ञिक वर्मा ने आरोप लगाया कि, मेडिकल छात्रों को प्रशासन परेशान कर रहा है। आंदोलन करने वाले छात्र-छात्राओं को कॉलेज से हटाने की धमकियां दी जा रही है। बीजेपी सरकार ने शिक्षा का बाजारीकरण कर दिया। माफियाओं के हाथ में शिक्षा को बेचा जा रहा है। अभी जो हॉस्टल की फीस जो 6000 रुपए सालाना है, उसे बढ़ाया जाएगा। इसी तरह से मेस की फीस भी 44000 रुपए सालाना है, वह भी बढ़ा दी जाएगी। यह एक तरह से छात्रों का शोषण है।
उन्होंने कहा कि, यदि निर्णय नहीं बदला जाता है तो एनएसयूआई सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी। मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि निवर्तमान मेयर ने अपने कार्यकाल में सरकार को मुफ्त में दी थी लेकिन सरकार ने उसे बेच दिया।
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Haridwar News : शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर कसा तंज
शहर महासचिव शाहिद अहमद ने कहा कि, जो शिक्षा कम शुल्क में मिलती थी अब निजीकरण से महंगी हो जाएगी। माता पिता पर भी अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा हैं। महानगर उपाध्यक्ष दीपांशु बालियान ने कहा कि, सरकार शिक्षा को मुनाफे का खेल बना रही है। इससे निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। एनएसयूआई इसका पुरजोर विरोध करती है। बता दें, इस अवसर पर आदि कश्यप, यश कश्यप, तुषार चौधरी आदि उपस्थित थे।