Harda blast: कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग, विधानसभा से वॉकआउट

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भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले की गूंज सुनाई दी। हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट (Harda blast) की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। जब बीजेपी सरकार ने मांग नहीं मानी तो कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि अगर अधिकारी मामले की जांच करें तो वह अपने साथियों को बचा लेंगे। मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस सदस्यों ने हरदा विस्फोट पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार कर लिया और चर्चा के लिए डेढ़ घंटे का समय तय किया। विपक्ष ने सदन में इस मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाई। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि विस्फोट मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

घटना के संबंध में नहीं थी जानकारी

विपक्ष द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसकी जांच करायी जा रही है। चाहे कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो, दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पूरे प्रदेश में जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। मैं इस बात में नहीं पड़ना चाहता कि तीन साल पहले किसकी सरकार थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। इसकी जानकारी मिलते ही मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ भेजा गया। तुरंत सभी कलेक्टरों की आपात बैठक बुलाई गई। मैंने जो वीडियो देखा, उससे ऐसा लग रहा था जैसे कोई परमाणु बम फट गया हो। केंद्रीय गृह मंत्री को तुरंत सूचना दी गई, क्योंकि तब तक घटना के संबंध में कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी। 100 फायर ब्रिगेड, 50 एंबुलेंस भेजी गईं, अस्पतालों में तैयारी की गई, ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। अगर किसी को बाहर भेजने की जरूरत होगी तो उसे इलाज के लिए जरूर भेजा जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि ऐसी फैक्ट्री के आसपास किसी तरह की कोई बस्ती तो नहीं है।

विपक्ष ने पूरे मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग की, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर सदन के बाहर नारेबाजी कर विरोध जताया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हरदा विस्फोट ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। हमने सरकार की पूरी बात सुनी, लेकिन हमारी मांग है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए, राज्य में पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही है। जांच के नाम पर लीपापोती हो रही है। तत्कालीन मंडलायुक्त के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने पर भी विपक्ष ने कहा कि ये कोई कार्रवाई नहीं है, ये सिर्फ दिखावा है। हम तो बस इतना चाहते हैं कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

कमलनाथ ने कहा बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार

कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से हरदा में फैक्ट्री संचालित की जा रही थी, जो कई लोगों की मौत का कारण बनी। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि कई लोग अपने परिचितों को ढूंढ रहे हैं। ट्रांसफर करना-डिलीट करना कोई कार्रवाई नहीं है। रामनिवास रावत ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 2015 में भी हरदा में एक घटना हुई थी, पेटलावद में भी एक घटना हुई थी, लेकिन अभी तक सरकार ने सदन में रिपोर्ट पेश नहीं की है, जबकि अगर रिपोर्ट पेश करती तो संभव है कि ऐसी घटनाएं होतीं दोहराया न जाए, उसके संबंध में कुछ व्यवस्था की गई होगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि यह एक बड़ा हादसा, लापरवाही और भ्रष्टाचार है।

स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने घटना स्थल के निरीक्षण और घटना के बाद सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं के बारे में सदन को जानकारी दी। वहीं, जब विश्वास सारंग ने गिरफ्तार आरोपियों के नाम के साथ जी का जिक्र किया तो विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वे सम्मान के लायक नहीं हैं। कई लोगों की जान चली गई है। सारंग ने भी तुरंत गलती सुधारते हुए कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।

तोमर ने कहा ड्रामा कर रही कांग्रेस

हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने कहा कि जब यह भीषण हादसा हुआ तो पटाखा फैक्ट्री में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। पटाखा फैक्ट्री के बेसमेंट को खुलवाकर देखा जाए। लेकिन मुख्यमंत्री के हरदा से लौटने के बाद जांच रोक दी गई है। रेस्क्यू भी रोक दिया गया है, जबकि बेसमेंट में बड़ी संख्या में लोग हो सकते हैं।

इसे लेकर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बम, पटाखे और आतंकवाद की जड़ कांग्रेस है। विपक्षी विधायकों को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए और सदन की कार्यवाही में सहयोग करना चाहिए।

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ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए कांग्रेस ड्रामा कर रही है। इस संवेदनशील मामले को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता हरदा क्यों नहीं गये? उन्होंने कमल नाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कमल नाथ हरदा पीड़ितों से मिलने क्यों नहीं गए? हमारे मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री तुरंत हरदा पहुंचे। हमारी सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। कांग्रेस विधायक ने पहले कभी शिकायत नहीं की और आज ड्रामा कर रहे हैं।

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