क्रय केन्द्रों पर बदइंतजामी ने मचायी बर्बादी, सैकड़ों कुंतल गेहूं बारिश से भीगा

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कौशाम्बीः ‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़े’ की कहावत आपने सुनी होगी। कुछ ऐसा ही कौशाम्बी के किसानों के साथ भी हुआ। चार दिन पहले से क्रय केंद्र के बाहर तौल का इन्तजार कर रहे किसान का सैकड़ों कुंतल गेहूं ताउते चक्रवात की बारिश ने बर्बाद कर दिया। बारिश थमने के बाद क्रय केंद्र पर बर्बादी का मंजर देख किसान किस्मत और सरकारी सिस्टम को कोस रहा है।

जनपद के 32 गेहूं क्रय केन्द्रो में बदइंतजामी की पोल चक्रवात ताऊते की बरसात ने खोल कर रख दी है। तीन दिन बाद बरसात का मंजर थमा। किसान क्रय केंद्र पर अपने गेहूं की बोरियां तौलाने पहुंचा तो उसके सामने कठोर मेहनत व धन की बर्बादी की तस्वीर देख उसका कलेजा बैठ गया। किसान राम हरक बताते हैं कि 160 कुंटल गेहूं मंडी के क्रय केंद्र पर तौल के लिए एक सप्ताह पहले रखा था। प्रभारी ने तौल नहीं कराई। बरसात ने उनकी मेहनत पर पानी डाल दिया है। बोरी में रखा गेहूं अंकुरित हो गया है। किसको दोष दें, अपनी किस्मत को या फिर सरकार के सिस्टम को, कुछ समझ में नहीं आता। बदइंतजामी के आलम का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि क्रय केंद्र पर अब तक 18 हजार एमटी गेहूं की खरीद कराई जा चुकी है, लेकिन उठान नहीं कराया गया था।

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नतीजा ओसा मंडी के क्रय केंद्र में गेहूं बरसात के दौरान नालियों में बहा मिला। तिलगोड़ी क्रय केंद्र में केंद्र प्रभारी मंजुला के मुताबिक बरसात के दौरान तिरपाल डाल गेहूं को भीगने से बचाने की कोशिश की गई, फिर भी 7 से 8 सौ कुंतल गेहूं भीग गया है। अझुआ केंद्र में 13 हजार कुंतल गेहूं की खरीद की गई थी। जिसे मौसम से बचाने के लिए चट्टा के अंदर टीन शेड में रखा गया, पर बरसात की छीटों ने गेहूं को भीगा दिया। रात भर कर्मचारी पॉलिथीन डाल गेहूं को बचाने की कोशिश करते रहे जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अंशुमाली शंकर ने बताया, बरसात को लेकर क्रय केंद्र प्रभारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे। फिर भी गेहूं क्रय केन्द्रों पर भेजने की बात सामने आई है। केंद्र प्रभारियों से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट मांगी गई है।