जयपुरः राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल (hanuman beniwal) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अपना इस्तीफा सौंपा। हनुमान बेनीवाल लगातार चौथी बार खींवसर से विधायक थे। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन है।
नागौर से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने नियमानुसार विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होने चाहिए। सांसद बनने के बाद अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे 24 जून को सांसद पद की शपथ लेंगे। शपथ लेने के साथ ही नीट परीक्षा रद्द करवाने का प्रयास करूंगा। इसके बाद अग्निवीर और राजस्थान के लंबित मुद्दों को संसद में उठाऊंगा।
हनुमान बेनीवाल ने दिया दिलचस्प बयान
हनुमान बेनीवाल ने दिलचस्प बयान देते हुए कहा कि विधायक जो सांसद बन गए हैं, उन्हें इस्तीफा देने के बजाय विधानसभा और लोकसभा दोनों का सदस्य बने रहने का अधिकार होना चाहिए। जब अमेरिका में ऐसा हो सकता है, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? हनुमान बेनीवाल के इस्तीफे के बाद खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई है। अब इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि खींवसर विधानसभा सीट से आरएलपी ही चुनाव लड़ेगी। आरएलपी खींवसर की जनता की पसंद है।
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दिलचस्प होगा उपचुनाव का मुकाबला
पिछली बार खींवसर विधानसभा के उपचुनाव में अशोक गहलोत ने पूरी ताकत लगाई थी, उसके बाद भी मेरी पार्टी आरएलपी जीती थी। इस बार चुनाव दिलचस्प होगा। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन दिल्ली में है। इस चुनाव में प्रदेश में क्या होगा, इस पर हम बात नहीं करेंगे। मैं चाहूंगा कि खींवसर ही नहीं, बल्कि अन्य सीटों पर भी आरएलपी के उम्मीदवार उतारे जाएं। हम देवली उनियारा, झुंझुनूं में चुनाव लड़ना चाहते हैं, जहां आरएलपी को चुनाव में वोट मिलते हैं।
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