Halal Certified Products Ban, कानपुरः उत्तर प्रदेश में हलाल उत्पादों की बिक्री पर रोक के बाद कानपुर खाद्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। सोमवार को खाद्य विभाग की टीम ने शहर में कुछ स्थानों पर छापेमारी की। यह जानकारी सोमवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रदीप पटेल ने दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हलाल उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के बाद उर्वरक एवं औषधि प्रशासन विभाग सक्रिय हो गया है।
दरअसल नियम विरुद्ध किये जा रहे प्रमाणीकरण पर सख्त कार्रवाई के सीएम योगी के निर्देश के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस पर रोक लगाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद सोमवार को खाद्य विभाग की टीम ने कानपुर के बड़ा चौराहा स्थित शॉपिंग मॉल में छापा मारा। खाद्य विभाग की टीम ने शॉपिंग मॉल के सभी फूड कोर्ट की जांच की, लेकिन खाद्य विभाग की टीम को वे उत्पाद नहीं मिले जो प्रतिबंधित थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध के बाद जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस चीज पर प्रतिबंध लगाया गया है, वह यहां नहीं मिली है।
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क्या है हलाल उत्पादक जिस पर सीएम योगी ने लगाया प्रतिबंध
बता दें कि हलाल एक अरबी शब्द है। इसका हिंदी में अर्थ स्वीकार्य। कुरान शरीफ में दो अरबी शब्दों का भी जिक्र है। हलाल और हराम। हलाल का अर्थ है जो इस्लाम धर्म के अनुसार स्वीकार्य और अनुमत हो। जबकि हराम का मतलब है जो अस्वीकार्य है, जिसकी अनुमति नहीं है।
अब धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो कई चीजें हलाल और हराम हो सकती हैं, लेकिन आम बोलचाल में और व्यवहार में भी हलाल शब्द को खाने से जोड़ दिया गया है, यानी इस्लाम के मुताबिक हलाल की परिभाषा क्या है? क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए यह सीमित कर दिया गया है और इस्लाम के मुताबिक दो चीजें जो हर हाल में हराम हैं वो हैं सूअर का मांस और शराब।
कौन जारी करता है हलाल सर्टिफिकेट?
ऐसा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए देश में कोई आधिकारिक सरकारी संस्था नहीं है। कुछ संस्थाएं ऐसी हैं जिन्हें मुस्लिम धर्म के अनुयायी और दुनिया के सभी इस्लामिक देश मान्यता प्राप्त हैं और मानते हैं कि उस संस्था द्वारा जारी किया गया हलाल सर्टिफिकेट सही होगा। उदाहरण के तौर पर एक संस्था है हलाल इंडिया।
अपनी वेबसाइट पर दावा किया गया है कि हलाल सर्टिफिकेट देने से पहले यह संस्था कई तरह के लैब टेस्ट और ऑडिट से गुजरती है। यही वजह है कि कतर के स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर यूएई और मलेशिया तक सभी इस सर्टिफिकेट को मान्यता देते हैं। दुनिया के तमाम इस्लामिक देशों में भारत से जो भी उत्पाद भेजे जाते हैं, उनके लिए ये सर्टिफिकेशन जरूरी है।
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