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ज्ञानवापी मामलाः हिन्दू पक्ष को पूजा की अनुमति के खिलाफ मुस्लिम पक्ष पहुंचा हाई कोर्ट

Gyanvapi case, प्रयागराज: अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर कर चुनौती दी है, जिसमें मंदिर पक्ष को ज्ञानवापी परिसर के दक्षिण-पूर्वी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी गई थी। उधर, मंदिर पक्ष के शैलेन्द्र पाठक ने कैविएट दाखिल कर मामले में सुनवाई का मौका देने की मांग की है।

जिला जज के आदेश पर रोक लगाने की मांग

वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने बुधवार को अपने आदेश में जिला मजिस्ट्रेट को वादी पक्ष और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को तहखाने में स्थित मूर्ति की पूजा एक पुजारी द्वारा कराने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मस्जिद पक्ष की याचिका में जिला जज के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। उनका कहना है कि अभी तक मुकदमे की पोषणीयता संबंधी याचिका पर आदेश 7 नियम 11 के तहत फैसला नहीं हुआ है, इसलिए वाराणसी के जिला जज का पूजा का अधिकार देने का आदेश सही नहीं है। इस मामले में वादी शैलेन्द्र कुमार पाठक ने कैविएट दाखिल की है। कैविएट में मांग की गई है कि अगर इंतजामिया कमेटी कोई याचिका दाखिल करती है तो मामले में कोई भी आदेश देने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। यह भी पढ़ेंः-Gyanvapi Case: ज्ञानवापी विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका उल्लेखनयी है कि जिला कोर्ट ने ये यह फैसला याचिकाकर्ता शैलेन्द्र पाठक व्यास की ओर से दायर याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता के पक्ष का कहना है कि, उनके पूर्वज तहखाने में अंग्रेजी शासन काल से ही पूजन व राग भोग करते रहे हैं। साल 1993 में तत्कालीन सरकार ने पूजा पर रोक लगाते हुए तहखाना को बंद कर दिया था। वहां जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग के साथ फोर्स की तैनाती भी कर दी थी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)