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धीरे-धीरे पूरे राजस्थान में फैल रही गुर्जर आंदोलन की आंच, नहीं बनी कोई सहमति

जयपुरः बैकलॉग में भर्तियों सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर एक नवम्बर से चल रहा गुर्जरों का आंदोलन गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। पांच दिन बाद भी सरकार और गुर्जरों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है। बल्कि अब आंदोलन की आंच प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंच गई है। प्रदेश के अलवर, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा और बूंदी में भी गुर्जर समुदाय के लोग प्रदर्शन कर सरकार को अपनी मांगों के लिए चेता रहे हैं।

आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली-मुंबई रेल ट्रेक पर भरतपुर के पीलूपुरा में कब्जा जमाकर बैठे गुर्जर समाज के लोगों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। सरकार का संदेश लेकर यहां पहुंचे सीनियर आईएएस नीरज के. पवन ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला से बुधवार को दो दौर की वार्ता की, लेकिन बैकलॉग के मुद्दे पर कर्नल बैंसला सरकार को अधिक समय नहीं देने का मानस बता चुके हैं। ऐसे में दो दौर की वार्ता के बाद भी आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है।

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने साफ कहा है कि मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। पहली बार बैंसला ट्रैक छोड़ने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस पवन को हमने बताया है कि समाज की मांगों के संबंध में जो होम वर्क किया है, उसके बारे में बताएं। इसके बाद समाज की सहमति लेकर वे रेलवे ट्रैक के अलावा दूसरी जगह जाकर भी वार्ता करने को तैयार हैं।

बैंसला ने कहा कि हमें आंदोलन करने का शौक नहीं है। गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले की गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में इंटरनेट पर पाबंदी बढ़ाई गई है। संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने जिले के गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में गुरुवार शाम पांच बजे तक इंटरनेट बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। गुर्जर बाहुल्य तहसीलों में पिछले 6 दिन से इंटरनेट बंद है।

आंदोलन का राजस्थान रोडवेज पर भी असर देखने को मिल रहा है। कुछ मार्गों पर रोडवेज बसों का संचालन भी बंद किया गया है। जयपुर से दौसा, भरतपुर, करौली, धौलपुर, हिंडौन और यूपी रूट की बसों का संचालन बंद किया गया है। जयपुर सिंधी कैंप से 250 बसों के संचालन को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा भरतपुर, करौली, धौलपुर और हिंडौन से आने वाली बसों का संचालन बंद हो गया है। उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर, फर्रूखाबाद, बरेली और आगरा जाने वाली बसों के संचालन को बंद कर दिया गया है।

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आंदोलन की आंच अब अन्य जिलों तक पहुंच गई है। अलवर जिले में गुर्जर समाज ने नौ नवंबर से चक्का जाम की चेतावनी दी है। इससे पहले 8 नवंबर तक जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मीटिंग करके लोगों को जागरूक किया जाएगा। जबकि पाली, अजमेर, भीलवाड़ा व बूंदी में गुर्जर समुदाय रोजाना प्रदर्शन कर सरकार को चेता रहा हैं।