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MCD चुनाव के नतीजों के बाद गुजरात व हिमाचल पर टिकीं निगाहें, कल आएगा फैसला

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद अब सारे देश की निगाह गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर टिक गई है। ईवीएम में बंद यहां की जनता का फैसला गुरुवार को चुनाव आयोग सुनाएगा। गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव और देश की एक लोकसभा सीट के अलावा पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के मतों की गिनती सुबह 8ः00 बजे शुरू होगी। मतगणना केंद्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए हैं।

चुनाव आयोग ने कहा है कि कुछ जगह पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम खुलेंगी। सुबह 09ः00 बजे तक पहला रुझान आने की संभावना है और दोपहर तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। यहां बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत का अनुमान लगाया गया है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं। यहां बहुमत का आंकड़ा 35 है। अभी यहां भाजपा की सरकार है। एग्जिट पोल में यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर बताई गई है।

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गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ ही एक लोकसभा उपचुनाव और पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी गुरुवार को आएंगे। इनमें से उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और आजमगढ़ विधानसभा सीट पर सारे देश की नजर रहेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुरहानी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट का परिणाम भी घोषित होगा।

आयोग ने सुचारू और शांतिपूर्ण मतगणना के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए 37 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। अहमदाबाद जिले में सर्वाधिक तीन, जबकि सूरत और आणंद जिले में सबसे कम दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. भारती के मुताबिक इस बार ईवीएम और डाक मतपत्रों की एक साथ गिनती की जाएगी। हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम वोटों की गिनती की जाएगी। राज्य की कुल 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था।

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट अक्टूबर में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी। यहां समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत के साथ ही साथ पार्टी का सब कुछ दांव पर लगा है। मुलायम यहां से पांच बार जीते हैं। अगर यह सीट भाजपा जीतती है, तो यह विपक्षी दल के लिए बड़ा झटका होगा, क्योंकि सपा अपना मजबूत गढ़ आजमगढ़ पहले ही खो चुकी है। फिलहाल यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य के बीच सीधा मुकाबला है।

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