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Gujarat Election: गुजरात में दोगुनी हुई ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या, जानें- कहां कितने वोटर

नई दिल्लीः भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात चुनाव की घोषणा कर दी है। 1 और 5 दिसम्बर को राज्य में 2 चरणों में चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। खास बात ये है कि इस बार राज्य में ट्रांसजेंडर मतदाता पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुना हो गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मतदाता वडोदरा में रजिस्टर हुए हैं। अलग अलग विधानसभा सीटों पर ट्रांसजेंडर समुदाय के मतदाता (transgender voters) अपना मत देंगे।

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चार लाख से ज्यादा दिव्यांग

चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गुजरात में इस बार कुल 4,90,89,765 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें 2,53,36,610 पुरुष और 2,37,51,738 महिला मतदाता शामिल हैं। इस सूची में 1,417 ट्रांसजेंडर मतदाता (transgender voters) भी हैं। वहीं 4 लाख से ज्यादा दिव्यांग मतदाता भी पंजीकृत हुए हैं। जानकारी के अनुसार ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने इस बार चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।

इस बार 1,417 ट्रांसजेंडर मतदाता

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार 1,417 ट्रांसजेंडर मतदाता गुजरात के विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। पिछले चुनाव में इनकी संख्या लगभग 702 थी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या में 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा समुदाय के सदस्यों को ईसीआई का राजदूत भी बनाया गया ।

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आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में पंजीकृत मतदाताओं के आंकड़ों से पता चलता है कि वडोदरा जिले में सबसे अधिक 223 ट्रांसजेंडर मतदाता पंजीकृत हैं। वहीं राज्य के डांग में सबसे कम 2 ट्रांसजेंडर मतदाता दर्ज किए गए हैं। वडोदरा गुजरात में ही नहीं बल्कि देश में भी एलजीबीटी सक्रियता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां ट्रांसजेंडर की तादाद अच्छी खासी है।

कहां कितने ट्रांसजेंडर वोटर

वडोदरा में मतदाता सूची में कुल 223 ट्रांसजेंडर दर्ज किए गए हैं। वहीं अहमदाबाद जिले में कुल 211 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं, जबकि सूरत में कुल 159 ट्रांसजेंडर मतदाता पंजीकृत हैं। आणंद में 130, खेड़ा में 87, भरूच में 71 ट्रांसजेंडर मतदाता पंजीकृत हैं। इसके अलावा गांधीनगर में 49, मेहसाणा में 43, भावनगर में 40, नवसारी में 38, राजकोट में 34 और साबरकांठा में 32 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।

पाटन और अरवल्ली जिले में 27-27 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा दाहोद और सुरेंद्रनगर जिलों में भी 25-25 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। जूनागढ़ और पंचमहल जिलों में 20 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। बनासकांठा और महिसागर जिलों में कुल 16 ट्रांसजेंडर मतदाता पंजीकृत हैं। जामनगर और वलसाड में 15 ट्रांसजेंडर मतदाता, द्वारका में 13, कच्छ में 12 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। वहीं गिर सोमनाथ और पोरबंदर में 11 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। छोटा उदेपुर में 8 ट्रांसजेंडर तो तापी और बोटाद में 5 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा मोरबी में 4, नर्मदा में 3 और डांग में सबसे कम 2 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।

ट्रांसजेंडर समुदाय को चुनाव प्रिक्रिया से जोड़ने में चुनाव आयोग की पहल भी तारीफ के लायक है, क्योंकि उन्होंने इस बार अलग अलग तरीकों से उन्हें वोटिंग के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं दूसरी तरफ समाज ने भी पहले के मुकाबले इस बार इस समुदाय को ज्यादा स्वीकार किया है। चुनाव आयोग की कोशिश है कि लोकतंत्र के इस सबसे बड़े पर्व में एक भी मतदाता अपना मतदान करने से वंचित ना रहे।

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