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स्वामी आत्मानंद स्कूलों की बढ़ रही लोकप्रियता, कम फीस में मिल रही अच्छी शिक्षा

swami-atmanand-school-chhattisgarh रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सपना अब साकार हो रहा है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूल (swami atmanand schools) प्रदेश के लाखों बेटे-बेटियों का जीवन संवार रहे हैं। सुदूर जंगल हों या मैदान, हर जगह इसका लाभ दिख रहा है और आधुनिक शिक्षा की उजली तस्वीर दिखाई दे रही है। वर्तमान सत्र 2023-24 में प्रदेश में कुल 726 विद्यालय, 377 अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय एवं 349 हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। स्कूल में एक लाख 70 हजार बच्चे अंग्रेजी माध्यम में और 2 लाख 20 हजार बच्चे हिंदी माध्यम में पढ़ रहे हैं। राज्य सरकार की पहल से आज दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अच्छे खेल के मैदान, आधुनिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों (swami atmanand schools) से अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम हुआ है और चिंताएं दूर हुई हैं। आज बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़कर अपनी प्रतिभा को बेहतर तरीके से निखार रहे हैं। ये भी पढ़ें..Jagdalpur: जगलदपुर में सजेगी सुरों की महफिल, काव्य संध्या में जुटेंगे साहित्य प्रेमी

स्मार्ट क्लास जैसी आधुनिक सुविधाएं

इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ा है। अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट सूची में स्थान हासिल किया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, सुंदर भवन, आधुनिक पुस्तकालय, खेल मैदान, उत्कृष्ट प्रयोगशालाएं आदि का बेहतर संचालन हो रहा है। जिससे बच्चों और अभिभावकों के मन में राज्य के सरकारी स्कूलों की लोकप्रियता बढ़ी है।

बढ़ रही स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता

अभिभावकों में इस बात को लेकर काफी उत्साह है कि स्वामी आत्मानंद विद्यालयों (swami atmanand schools) के संचालन से गरीब वर्ग के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा मिल रही है। जिसके कारण हर जगह से लगातार अधिक आत्मानंद विद्यालय (swami atmanand schools) खोलने की मांग उठ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी और सरकारी स्कूलों के बीच अंतर को कम करने और बच्चों को समान अवसर प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)