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नॉटिंघम में सामान्य से अधिक हरी पिच भारत को पहुंचा सकती है फायदा

नॉटिंघम: भारतीय टीम बुधवार से नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में जब खेलने उतरेगी तो यहां सामान्य से अधिक हरी पिच उसे फायदा पहुंचा सकती है। 2011 में पूरी तरह सफाया होने के बाद टीम का टेस्ट में बल्लेबाजी आक्रमण विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के आसपास ही घुमता रहा। उन्हें हालांकि 2014 में 1-3 और तीन साल पहले 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था।

रहाणे का शॉट चयन और पुजारा का लंबे समय तक स्टोकलेस रहना हालांकि चिंता का विषय है। इस बार टीम के पास रोहित शर्मा हैं लेकिन शुभमन गिल और मयंक अग्रवाल चोट के कारण अनुपलब्ध रहेंगे और इनका ना होना इस बात पर संशय खड़ा करता है कि रोहित के साथ पारी की शुरूआत करने कौन उतरेगा। लोकेश राहुल का ओपनर के तौर पर रिकॉर्ड बेहतर रहा है लेकिन अगर वह विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालते हैं तो उन पर अतिरिक्त दबाव देना सही नहीं रहेगा।

हनुमा विहारी भी एक विकल्प हो सकते हैं जो तकनीकी रूप से सही है लेकिन वह आमतौर पर एक ओपनर नहीं है। जलवायु परिवर्तन ने इंग्लैंड में आम तौर पर साल के सबसे गर्म और सबसे शुष्क हिस्से को बार-बार होने वाली मानसूनी बारिश में बदल दिया है। इसका मतलब है कि गेंद ट्रेंट ब्रिज में जल्द ही मूव करेगी। जब पिच में तेजी होती है और टीम का बल्लेबाजी क्रम अच्छा है तो खिलाड़ी बाउंस झेल सकते हैं।

भारती क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा ट्वीट की गई ग्राउंड की फोटो गुमराह करने वाली है। पिच सामान्य से अधिक हरी-भरी हो सकती है। हालांकि, हेड ग्राउंड्समैन स्टीव बिर्क्‍स से जब पूछा गया कि विकेट कैसा व्यवहार करेगा, तो उन्होंने काफी चुप्पी साध ली।

अतीत में दो स्पिनरों को खेलाना समझ में आता था, विशेषकर अगर उनमें एक रवींद्र जडेजा जैसे हैं जो ऑलराउंडर हैं तो इंग्लिश वातावरण में रविचंद्रन अश्विन शायद नहीं होने चाहिए।अगर बेन स्टोक्स सीरीज से नहीं हटते तो इंग्लैंड चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरता। वह अभी भी ऐसा कर सकते हैं लेकिन उन्हें एक अतिरिक्त बल्लेबाज को लेना होगा क्योंकि जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका बल्लेबाजी क्रम विफल रह चुका है। ऐसे में टीम तीन तेज गेंदबाज एक एक स्पिनर के साथ उतर सकती है।

सैम करेन के लिए सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करना सही रहेगा जिन्होंने भारत के खिलाफ 2018 में डेब्यू किया था। इस सीरीज में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे खिलाड़ी होंगे जबकि मार्क वुड अतिरिक्त प्रदान करेंगे। इनके अलावा ओली रॉबिंसन भी होंगे जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया था। मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह स्विंग गेंदबाजी नहीं करते हैं। यह दोनों सीरीज में टीम इंडिया के महत्वपूर्ण गेंदबाज होंगे।

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अगर भारत जडेजा को आराम देकर बल्लेबाजी को कमजोर करने का जोखिम लेता है तो मोहम्मद सिराज को शामिल किया जा सकता है। इस बीच, तेज गेंदबाजों का रोटेशन भी इसमें देखने को मिल सकता है, जहां सिराज और उमेश यादव पर नजर होगी। भारत ने 2007 में राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में जीत दर्ज की थी और कोहली ने आखिरी बार जब दोनों टीमों के बीच मुकाबला हुआ तो टीम को जीत दिलाई।

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