राज्यपाल ने विद्यार्थियों को पढ़ाया पाठ, कहा-बुलंदी पर पहुंचना जरूरी नही, इसे बनाये रखना अहम

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गोरखपुरः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बुलंदी पर पहुंचना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसको बनाये रखना महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के केन्द्र होते हैं। हमें विचार करना चाहिए कि उच्च शिक्षा की दिशा एवं उद्देश्य क्या हो। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को उपाधि देकर यह पूरा नहीं हो सकता है बल्कि उच्च शिक्षा विकास का एक सशक्त माध्यम बने। उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को नवाचार के बारे में विचार करना होगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप कुमार सिंह उपस्थित रहे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उपाधि पाने वाले छात्र व छात्राओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कर्तव्य और निष्ठा की शपथ भी दिलाई। शपथ दिलाने के बाद उपाधि रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को गौरवपूर्ण अवसर प्रदान करता है जब ज्ञान की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा होता है। दीक्षा का अंत हो सकता है परन्तु ज्ञानार्जन का मार्ग आजीवन खुला रहता है।

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प्रौद्योगिकी शिक्षा राज्यमंत्री संदीप कुमार सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान व रोजगार प्राप्त करना नहीं बल्कि दुनिया में अपना अमूल्य योगदान देना है। प्रौद्योगिकी को और विकसित करने में अपनी ऊर्जा लगाएं। मंत्री ने कहा कि जो तकनीकी में उन्नत होगा, वही दुनिया पर राज करेगा। आज पूरी दुनिया तकनीकी पर आधारित हो गई है। विकसित भारत के सपनों को पूरा करना है या विश्व गुरु बनना है तो प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना होगा। यह जिम्मेदारी विद्यार्थियों के साथ गुरुजनों की भी है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की प्रतिभा को निखारने और विश्वविद्यालय को देश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत के गुरु-शिष्य परंपरा दीक्षांत समारोह में शिक्षकों-विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होता है।