जयपुर: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (Governor Haribhau Bagde) ने कहा है कि चिकित्सा कोई पेशा नहीं बल्कि सबसे पवित्र सेवा है। चिकित्सक को अपने मरीजों को कम से कम दवा और सस्ता व सुलभ उपचार देकर ठीक करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने हृदय रोग की रोकथाम और उपचार के लिए जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया है।
भारत में लगातार बढ़ रहीं दिल की बीमारियां
राज्यपाल शनिवार को न्यूयॉर्क के सिनाई अस्पताल के सहयोग से इटरनल अस्पताल द्वारा आयोजित ‘हार्ट कॉन्क्लेव 2024’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हृदय रोग इस समय सबसे बड़ी बीमारी के रूप में उभर रहा है। यह हर उम्र के लोगों को हो रहा है। इससे बचाव के साथ ही इसके होने पर जान बचाने के लिए लगातार काम किया जाना चाहिए। बागड़े ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कहा कि दुनियाभर में हृदय रोग से संबंधित 17.9 मिलियन मौतों में से कम से कम पांचवां हिस्सा भारत का है।
हृदय रोग के बारे जागरुकता सबसे जरूरी
उन्होंने कहा कि हृदय रोगों से होने वाली मौतों में कम उम्र के लोगों की संख्या बहुत अधिक है। यह चिंताजनक है। इस संबंध में उन्होंने हृदय रोग की शीघ्र पहचान और रोकथाम के लिए समाज में माहौल बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हृदय रोग की बुनियादी समझ और रोग की रोकथाम के लिए समाज में माहौल बनाने की दिशा में प्रभावी कार्य किया जाना चाहिए।
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बागड़े ने युवा पीढ़ी को योग और शारीरिक व्यायाम की भारतीय संस्कृति से जोड़ने, कार्यस्थलों पर स्वस्थ वातावरण बनाने और हृदय रोग की रोकथाम के साथ ही इसके होने पर तत्काल बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में चिकित्सकों को जागरूक करने पर जोर दिया।
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