Wednesday, November 20, 2024
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Governor CV Anand Bose ने बंगाल सरकार पर साधा निशाना, कही ये बात

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने से कुछ दिन पहले राज्य में उत्तर और दक्षिण जिलों के बीच क्षेत्रीय असंतुलन का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य के उत्तरी हिस्से में आर्थिक पिछड़ापन सरकार और जनता के बीच दूरी पैदा कर रहा है। राज्यपाल बोस ने कहा, “इन दो सालों में मैंने बंगाल को बेहतर तरीके से समझा है। यह एक ऐसा राज्य है जो कला और संस्कृति पर विशेष ध्यान देता है।

‘ग्राउंड जीरो गवर्नर’ कहे जाने पर जताई खुशी

लेकिन यहां उत्तर बंगाल में क्षेत्रीय असंतुलन और आर्थिक पिछड़ापन देखने को मिलता है, जिससे प्रशासन और जनता के बीच दूरी पैदा होती है।” राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजनीतिक प्रदर्शन का आकलन करने से परहेज करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर उनके काम को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “संवैधानिक सहयोगी के तौर पर मेरा ध्यान मुख्यमंत्री के काम पर है, न कि उनके राजनीतिक व्यक्तित्व पर।”

राज्यपाल बोस ने जनता से सीधे संवाद को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा राज्यपाल बनना चाहता हूं जो लोगों के लिए सुलभ हो। कई मीडिया हाउस ने मुझे ‘ग्राउंड जीरो गवर्नर’ कहा है, जो मेरे लिए गर्व की बात है। मैं लोगों से सीधे संपर्क में रहना चाहता हूं और मौके पर जाकर स्थिति को समझना चाहता हूं।” राजभवन की एक महिला कर्मचारी द्वारा राज्यपाल पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बोलते हुए बोस ने कहा, “ये आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। ये एक आपराधिक मानसिकता वाली महिला द्वारा लगाए गए आरोप हैं। मैंने इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।”

आरजी कर घटना पर कही ये बाद

राज्यपाल ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश न करना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मुद्दा है। सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करना राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है। ऐसा न करना संविधान का उल्लंघन है।” राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्यपाल ने कहा, “बंगाल समाज के दो सबसे बड़े दुश्मन हिंसा और भ्रष्टाचार हैं। लोगों से बातचीत और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर, मैंने पाया है कि सरकार आरजी कर घटना से जुड़ी हिंसा और भ्रष्टाचार को रोक सकती थी।

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हालांकि, मामला अभी कोर्ट में लंबित है, इसलिए मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा।” राज्यपाल ने अपने तीसरे वर्ष के दौरान जनता के लिए जन-हितैषी कार्यक्रम शुरू करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, “मेरा ध्यान संविधान की रक्षा और जनता के अधिकारों की रक्षा पर है। मैं हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा और विकास कार्यों को सरकार की योजनाओं से जोड़ूंगा।” सीवी आनंद बोस ने 23 नवंबर 2022 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद संभाला था। उनके कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति और राजभवन पर जासूसी के आरोपों सहित कई मुद्दों पर सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव हुआ है।

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