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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोलीं- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं देने की दिशा में प्रगति कर रहा यूपी

लखनऊः राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल राजभवन से वाराणसी स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कम्युनिटी हेल्थ आफिसर्स कान्फ्रेंस में आॅनलाइन शामिल र्हुइं। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आज विश्व यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज-डे के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कम्युनिटी हेल्थ आफिसर्स कान्फ्रेंस में आपके मध्य उपस्थित होना मेरे लिये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमारा देश ‘सर्वे भवन्तु सुखनः, सर्वे सन्तु निरामया’ अर्थात विश्व कल्याण की भावना में विश्वास रखता है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं देने की दिशा में प्रगति कर रहा है। अब तक भारत सरकार द्वारा 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र स्थापित करने के लक्ष्य के सापेक्ष 1,33,000 केन्द्र क्रियाशील हैं।

उन्होंने ई-संजीवनी के माध्यम से उपचार की व्यवस्था अत्यधिक प्रभावी बनाये जाने पर बल देते हुए कहा कि इस माध्यम से किसी भी गरीब एवं दूरस्थ क्षेत्रों में आवासित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सलाह प्राप्त हो सकती है और उनकी स्क्रीनिंग के पश्चात पहले से ही किसी भी असाध्य रोग की जानकारी रोगी को मिलने से मरीज का जीवन बच सकता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर कवरेज डे के उद्देश्य को हम सभी को मिलकर प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि राजभवन में 3 से 5 वर्ष की आयु के जो बच्चे आंगनबाड़ी में आते हैं। उन्हें पौष्टिक भोजन युक्त एक किट प्रदान की जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के लगभग 3,000 केन्द्रों को अब तक जनभागीदारी की मदद से आच्छादित किया जा चुका है।

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उन्होंने कहा कि राजभवन द्वारा महिलाओं की शारीरिक समस्याओं जैसे सर्वाइकल कैंसर आदि के निदान हेतु समय-समय पर कैम्प लगाकर एचपीवी का टीका 9 से 14 साल की बच्चियों को लगाये जाने की व्यवस्था है। राज्यपाल ने कांफ्रेंस में उपस्थित महानुभावों को यह भी जानकारी दी कि ब्लड डोनेशन कैम्प की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय की मदद लिया जाना उचित होगा, ताकि युवा वर्ग इस पवित्र कार्य में व्यापक जागरूकता कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करें और फलस्वरूप लोगों की समय पर जान बचायी जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि जितने भी हेल्थ और वेलनेस सेंटर स्थापित हो रहे हैं। उनमें महिलाओं व किशोरियों के सभी प्रकार के रोगों का उपचार तथा परीक्षण की व्यवस्था अवश्य रूप से की जानी चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे भी जनजागरूकता के माध्यम से इस कार्य में अपनी सहभागिता करें।

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