Monday, November 25, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeप्रदेशHimachal Pradesh: किसानों की उन्नति के लिए सरकार का बड़ा कदम, करेंगे...

Himachal Pradesh: किसानों की उन्नति के लिए सरकार का बड़ा कदम, करेंगे ये काम

शिमलाः हिमाचल सरकार ने कृषि क्षेत्र में समग्र विकास के लिए प्रदेश में हिम उन्नति योजना शुरू की है। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से कृषि और कृषि से जुड़ी गतिविधियों को क्लस्टर आधारित बनाया जा रहा है। योजना के तहत 2600 क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिनमें कृषि के 1200, प्राकृतिक खेती के 1100 और जीका के 300 क्लस्टर शामिल हैं। योजना के तहत इस वित्त वर्ष में 15 करोड़ रुपये से क्लस्टर से जुड़े विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।

दिए जाएंगे गुणवत्ता वाले बीज

रविवार को एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसानों, ग्रामीण युवाओं और कृषक महिलाओं को कृषि व्यवसाय से लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश में क्लस्टर आधारित सब्जी उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री कृषि प्रोत्साहन योजना के तहत क्लस्टर आधारित सब्जी उत्पादों, बीज, पौधे और उर्वरकों के लिए सब्सिडी और प्रयोगशालाओं को मजबूत किया जा रहा है। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और पौध सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है।

कई फसलों पर दिया जाएगा अनुदान

फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सभी वर्ग के किसानों को अनाज, दलहन, तिलहन एवं चारा फसलों के बीज पर 50 प्रतिशत तथा आलू, अदरक एवं हल्दी के बीज पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में अनुदान योजना के तहत राज्य के 60 हजार किसानों को बीज आवंटित कर लाभान्वित किया जा रहा है तथा इस वित्तीय वर्ष में 23.60 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग प्रतिवर्ष विभिन्न फसलों के लगभग 17 हजार क्विंटल आधार बीज का उत्पादन कर रहा है, जिसे राज्य के प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रमाणित बीज के रूप में आगे बढ़ाया जाता है।

यह भी पढ़ेंः-Assam News : आपसी विवाद में पेट्रोल डालकर की जिंदा जलाने की कोशिश , आरोपी गिरफ्तार

प्रवक्ता ने बताया कि कृषि की नई विधियों को प्रयोगशाला से बाहर निकालकर किसानों तक पहुंचाने के लिए राज्य में प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ कर नई कृषि विधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। कृषि विभाग द्वारा 11 मृदा, 3 उर्वरक, 3 बीज, 2 जैव नियंत्रण, एक राज्य कीटनाशक परीक्षण तथा एक जैव उर्वरक उत्पादन एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला संचालित की जा रही है। किसानों को अविलम्ब उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 77 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें