चंडीगढ़ः हरियाणा सरकार ने राज्य की आईटीआई में चल रहे पुराने पुराने कोर्सों को बंद करके नया पाठयक्रम लागू करने का फैसला किया है। अब आईटीआई में वही कोर्स करवाए जाएंगे जिनकी उद्योगों में मांग होगी। आईटीआई के लिए नया पाठयक्रम तैयार करने से पहले आईटीआई इंस्ट्रक्टरों द्वारा औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की जाएगी। उनकी मांग के अनुसार ही नया पाठयक्रम तैयार किया जाएगा।
सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के सभी ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर को नए कोर्सों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। नए कोर्सों का चयन स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप किया जाएगा। नए कोर्स शुरू करने से एक तरफ जहां स्थानीय उद्योगों की जरूरतें पूरी होंगी तो वहीं दूसरी तरफ इससे युवाओं का रुझान भी आईटीआई की तरफ बढ़ेगा। इस तरह के कोर्स करके वे निजी क्षेत्र में अपनी पंसद के रोजगार हासिल करने में सक्षम होंगे। कम से कम दो ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर की टीम ऐसे कोर्सों के नाम और उनकी जरूरतों के बारे में एक संक्षिप्त नोट बनाकर निदेशालय में भेजेगी। कोर्स का नाम और नोट पंचकूला स्थित विभाग के मुख्यालय में संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) के नाम भेजना होगा।
इसके बाद विभागीय कमेटी इन कोर्सों को उपयोगी मानती है तो संबंधित टीम को एससीवीटी की स्वीकृति हेतु विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा जाएगा। ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर को इस काम के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से, उन्हें इस कार्य के लिए 50 हजार रुपये का मानेदय भी दिया जाएगा। यह मानदेय विभागीय कमेटी से एनसीवीटी के प्रारूप में हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने की अनुमति मिलने के बाद दिया जाएगा। संबंधित टीमें यह कार्य छुट्टी के दिन या आईटीआई के कार्यालय समय के बाद करेंगी ताकि उनका नियमित कार्य प्रभावित न हो।
हरियाणा की आईटीआई में चल रहे कई कोर्सों की डिमांड कम होने के कारण बच्चों ने दाखिला लेना ही बंद कर दिया है। पुराने कोर्स और प्रशिक्षण की पद्धति पुरानी होने के कारण युवाओं का आईटीआई के प्रति रूझान कम होता जा रहा है। आईटीआई को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने अब आईटीआई में उद्योगों की मांग तथा वर्तमान परिवेश को आधार बनाकर नए कोर्स शुरू करने का फैसला किया है।
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हरियाणा के कौशल एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा के अनुसार वर्तमान समय में बहुत से ऐसे कोर्स चल रहे हैं जिनकी मांग एवं व्यवहारिकता समाप्त हो रही है। युवाओं का आईटीआई के प्रति रूझान बनाए रखने और उद्योगों की मांग के अनुसार नए कोर्स शुरू करना समय की जरूरत है जिसके चलते यह प्रयास शुरू किया गया है। जल्द ही नए कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया चालू कर दी जाएगी।