सरकार ने बनाई निवेशकों को सहूलियतें देने के लिए सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी नीति

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Government made solar energy and bio energy

 

लखनऊ: राज्य के शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रधानमंत्री के वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने और अपनी ऊर्जा (energy ) जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगी। इससे जहां भारतीय संस्कृति के मूल मंत्र प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन को बल मिलेगा, वहीं पेरिस सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा पूरी दुनिया को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में जाने का आह्वान भी भारत की प्रतिबद्धता को जगजाहिर करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। इस दृष्टि से परम्परागत स्रोतों से भी ऊर्जा उत्पादन करना आवश्यक हो गया है। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से बचने के लिए ऊर्जा उत्पादन के नए स्रोतों पर काम करना जरूरी है।

सौर ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा की बनाई नीति

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा आज होटल क्लार्क अवध में उत्तर प्रदेश सरकार और जापान के दूतावास के बीच उभरते अवसरों पर बातचीत विषय पर कार्यशाला में नवीकरणीय ऊर्जा और ईवी सेक्टर सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारत में जापानी राजदूत हिरोशी सुजुकी और जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने और राज्य में उद्योग स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने निवेशकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा नीति बनाई है। जल ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने के लिए एक नीति भी लाई जा रही है। जैव ईंधन एवं ऊर्जा भंडारण नीति पर भी काम किया जा रहा है। इन सभी प्रयासों से थर्मल पावर के उत्पादन में कोयले पर निर्भरता कम होगी और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। साथ ही हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने से हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ वातावरण मिलेगा।

25 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य

एके शर्मा ने सुजुकी और जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों को यह भी आश्वासन दिया कि सोलर प्लांट से जो भी ऊर्जा उत्पादित होगी, उसे राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए खरीदा जाएगा। उन्होंने यहां सौर ऊर्जा के उत्पादन में उपयोग होने वाले उपकरण, सेल और प्लेट के उत्पादन में भी सहयोग का अनुरोध किया। ताकि इन्हें विदेश से आयात न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य में 25 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। सरकार पहले चरण में 04 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बोलियां ला रही है।

एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सुविधा की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहन चलाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए भी बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा, जिसमें चार्जिंग स्टेशन और एनर्जी स्टोरेज बनाना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी आदि के निर्माण में भी निवेश की जरूरत है। इससे बढ़ते प्रदूषण से राहत मिलेगी।

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कई कंपनियों के प्रतिनिधि रहे उपस्थित

जापानी राजदूत हिरोशी सुजुकी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश में जापानी कंपनियों की रुचि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ऊर्जा मंत्री को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में जापानी कंपनियां इस क्षेत्र में भाग लेंगी। हरित ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए भी इच्छुक और उत्साहित हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत महेश कुमार गुप्ता ने सौर ऊर्जा नीति एवं जैव ऊर्जा नीति के तहत मिलने वाले लाभों की जानकारी दी और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन को काफी प्रोत्साहित कर रही है। सेमिनार में एनईडीए के निदेशक अनुपम शुक्ला, ओएमसी पावर लिमिटेड के सीईओ रोहित चंद्रा, फिक्की और जापानी कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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