नई दिल्ली: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइंस कंपनी एयर इडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी टाटा समूह को बेचने की पुष्टि को लेकर आशय पत्र (एलओआई) जारी कर दिया है। घाटे में चल रही एयर इंडिया का बिड टाटा समूह ने 18 हजार करोड़ रुपये में जीता है। वित्त मंत्रालय के निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
दीपम सचिव के मुताबिक सरकार ने पिछले हफ्ते टाटा समूह की स्वामित्त्व वाली कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 2,700 करोड़ रुपये नकद भुगतान करने और एयर इंडिया के ऊपर कर्ज में से 15,300 करोड़ रुपये की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद दीपम ने टाटा समूह को एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया है, जिसमें सरकार की एयरलाइन में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की इच्छा की पुष्टि की गई है।
पांडेय ने कहा कि आम तौर पर एलओआई की स्वीकृति के 14 दिनों के अंदर शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एसपीए पर हस्ताक्षर के बाद नियामक मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद संचालन और हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दीपम सचिव ने कहा टाटा समूह को एयर इंडिया के संचालन को संभालने से पहले लेन-देन से जुड़ी शर्तों को पूरा करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि ये सौदा दिसंबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
दीपम सचिव ने कहा कि एसपीए पर हस्ताक्षर के बाद नियामक मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद संचालन हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पांडेय ने कहा कि जब वे स्वीकृति पत्र देंगे, इसके बाद वे ईवी (उपक्रम मूल्य) के 1.5 फीसदी की भुगतान सुरक्षा देंगे, जो कि 270 करोड़ रुपये है। इस तरह 270 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के तौर पर भुगतान सुरक्षा के रूप में होगा, जो हमें स्वीकृति पत्र के साथ हासिल होगा। गौरतलब है कि टाटा समूह की इकाई टैलेस प्राइवेट लिमिटेड 18 हजार करोड़ रुपये के साथ एयर इंडिया में भारत सरकार की इक्विटी शेयर होल्डिंग की बिक्री के लिए सफल बिडर रही है।