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सरकार का दावा- स्टार्टअप्स ने सृजित कीं देश में आठ लाख 40 हजार से ज्यादा नौकरियां

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि स्टार्टअप्स ने देश में आठ लाख 40 हजार से ज्यादा नौकरियां सृजित की हैं। ये नौकरियां 84,000 सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप द्वारा उत्पन्न की गई हैं।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यवसाय आवंटन नियमावली, 1961 के अनुसार, स्टार्टअप से सम्बंधित मामले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपाआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कार्यक्षेत्र में आते हैं। डीपाआईआईटी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने स्टार्टअप पहल के अन्तर्गत एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इको सिस्टम में परिणत हो गया है।

उन्होंने बताया कि इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि सरकार ने पहले से ही 84,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता प्रदान की है जो 640 से अधिक जिलों में फैले हुए हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत टियर 2 और 3 शहरों से हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने 8.4 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन की सूचना दी है। इसके अतिरिक्त, अब तक 100 से अधिक भारतीय स्टार्टअप्स ने आज की स्थिति के अनुसार यूनिकॉर्न का दर्जा (1 बिलियन डॉलर से अधिक इकाई मूल्य) प्राप्त किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तथापि, नियमित व्यवसायों को आमतौर पर संचालन से सम्बंधी विशिष्ट वर्षों में सफलता या विफलता से मापा जा सकता है, किसी विशेष चरण में विफलता या सफलता से स्टार्टअप और स्केल अप को अधिक सटीक रूप से मापा जाता है जो किसी भी स्तर की सटीकता के साथ सभी प्रकार के नए व्यवसायों को कवर करने वाले आंकड़ों को और उनकी विफलता दर एक साथ रखना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्टार्टअप्स की विफलता के सम्बंध में केंद्रीकृत सूचना का अनुरक्षण नहीं किया जाता है।

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