
भोपाल: मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ. अर्चना जायसवाल ने राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में गलत तरीके से अपना पक्ष रखते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराये जाने के हिटलरशाही रवैये पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस सरकार के ओबीसी आरक्षण विरोधी रवैया का विरोध करती है और बिना ओबीसी आरक्षण के किसी भी हाल में चुनाव नहीं होने दिया जाएगा।
जायसवाल ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से लगी रोक के संबंध में कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर याचिकाकर्ताओं के वकील रोटेशन लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गये थे, ना कि ओबीसी आरक्षण समाप्त कराने के लिये। ओबीसी आरक्षण निरस्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अपना पक्ष रखने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार के वकीलों की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इन दोनों ने अपक्ष पक्ष नहीं रखा।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये से स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग की मिली भगत से सरकार जानबूझकर ओबीसी आरक्षण समाप्त करना चाहती है या कहा जाये कि ओबीसी आरक्षण की आड़ लेकर सरकार पंचायत चुनाव ही नहीं कराना चाहती है।
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जायसवाल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव में अड़ंगा लगाना सरकार का यह असंवैधानिक रवैया है और यह पूरे ओबीसी वर्ग के साथ कुठाराघात है। सरकार की मंशा चुनाव कराने की होती तो वह रोटेशन के आधार पर और 2019 के परिसीमन के आधार पर त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव कराती। राज्य सरकार यदि ओबीसी आरक्षण के आधार पर चुनाव नहीं करायेगी तो महिला कांग्रेस मैदान में उतर इसका पुरजोर विरोध करेगी।
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