हरियाणा

नारनौल हादसे के बाद सख्त हुई सरकार, निजी स्कूल संचालकों ने कहा- बिना वजह...

blog_image_661d3af3f3fd5

चंडीगढ़ः नारनौल में स्कूल बस हादसे के बाद पुलिस और परिवहन विभाग की जांच के विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। निजी स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी कि सरकार स्कूल बसों की जांच के नाम पर दबाव बनाना बंद करे। वह नियमों का पालन करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

रैलियों में बस ले जाने पर उठाया सवाल

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने अपने साथियों के साथ सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नारनौल हादसे के लिए कुछ हद तक सरकार और जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है। जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर सड़कों पर चलने वाली स्कूल बसों में समय रहते नियमों का पालन कराना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार निजी स्कूलों पर रैलियों के लिए बसें भेजने का दबाव बनाती है।

हाल ही में फ़रीदाबाद में आयोजित रैली में 436 स्कूल बसें भी शामिल हुईं। जब बसें रैलियों में जाती हैं तो वे कभी सुरक्षित नहीं लौटतीं। कभी बसों में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ी दिए जाते हैं तो कभी सीटें फाड़ दी जाती हैं। कभी अग्निशामक यंत्रों से छेड़छाड़ होती है तो कभी प्राथमिक चिकित्सा किट ही गायब मिलती है। उन्होंने कहा कि इन बसों का डीजल खर्च भी सरकार कभी नहीं देती।

यह भी पढ़ेंः-महाकुम्भ की तैयारियों में जुटी योगी सरकार, पर्यटकों को मिलेंगी वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं

उन्होंने मांग की कि सरकार सबसे पहले स्कूली बसों को रैलियों में ले जाना बंद करे और विभिन्न योजनाओं के तहत निजी स्कूलों का जो कई वर्षों से सरकार पर बकाया है, उसका भुगतान तुरंत करे। अगर सरकारी बसें लेने में सख्ती दिखाई गई तो सभी स्कूल बसों की चाबियां सरकार को सौंप दी जाएंगी। जिसके बाद सरकार को खुद ही इन बसों का संचालन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल संचालकों के साथ बैठकर नीति को सरल बनाना चाहिए। उसके बाद सरकार को उन नियमों को पूरा करने के लिए समय देना चाहिए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)