फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे पाई डाक विभाग में नौकरी, सात की सेवा समाप्त, रिकवरी की तैयारी

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महोबाः डाक विभाग (Postal Department) में ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा पोस्ट मास्टर के पद पर भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा परत दर परत उजागर हो रहा है। जिले में फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी पाने का दोषी पाए जाने पर सात बीपीएम को बर्खास्त कर दिया गया है और रिकवरी की तैयारी की जा रही है। कार्रवाई से बीपीएम में हड़कंप मचा हुआ है। आने वाले दिनों में और बीपीएम के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।

फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद हुई जांच

ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को डाक विभाग की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए विभाग ने बीबीएम के पदों पर भर्ती निकाली थी। करीब एक साल पहले हुई शाखा पोस्ट मास्टरों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जालसाजों ने नौकरी हासिल कर ली थी। बीपीएम भर्ती में फर्जीवाड़े की शिकायत पर जब डाक अधीक्षक बांदा ने जांच की और अभिलेखों का सत्यापन कराया तो कई शाखा पोस्ट मास्टरों के अभिलेख फर्जी पाए गए। बताया जा रहा है कि ये सभी शाखा पोस्ट मास्टर 17 हजार रुपये मासिक वेतन पाते रहे हैं। डाक अधीक्षक द्वारा फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी पाने के मामले में जिले के पनवाड़ी क्षेत्र के दुलारा में तैनात सुनील शुक्ला, रूरी कला की ज्योति राजपूत, स्योंधी की रेशमा चतुर्वेदी, पहड़िया के अंकित अहिरवार, बहादुरपुरा के राम प्रकाश कुशवाह व श्रीनगर क्षेत्र के योगेंद्र तथा जिला मुख्यालय क्षेत्र के शत्रुघ्न की सेवा समाप्त कर दी गई है।

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जालसाजों से वसूली की तैयारी

फर्जी अंकतालिका जमा कर बीपीएम की नौकरी हथियाने वाले जालसाज सात से आठ माह तक नौकरी करते रहे, जिसकी विभाग को भनक तक नहीं लग सकी। अब जांच में मामला प्रकाश में आने के बाद विभाग पूरे मंडल में जांच की तैयारी कर रहा है। जिले में सात बीपीएम की सेवा समाप्त कर दी गई है और अब उनसे वेतन के रूप में दी गई धनराशि की वसूली की तैयारी की जा रही है। बीबीएम को हर माह 17 हजार रुपये वेतन मिल रहा था।

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