Thursday, December 5, 2024
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Good Friday 2023: गुड फ्राइडे पर PM मोदी ने ईसा मसीह के बलिदान और आदर्शों को किया याद

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नई दिल्लीः गुड फ्राइडे (good friday ) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईसा मसीह के बलिदान और सेवा एवं करुणा के उनके आदर्शों को याद किया। पीएम ने कहा कि हम कामना करते है कि प्रभु ईसा मसीह के विचार लोगों को प्रेरित करते रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, आज गुड फ्राइडे के दिन हम प्रभु ईसा को मिले बलिदान की भावना को याद करते हैं। उन्होंने दर्द और पीड़ा को सहा, लेकिन सेवा और करुणा के अपने आदर्शों से कभी विचलित नहीं हुए। प्रभु मसीह के विचार लोगों को प्रेरणा देते रहें।

बता दें कि आज गुड फ्राइडे (good friday ) हैं। ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह बेहद खास दिन है। दुनिया भर में ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे को ईसा मसीह के बलिदान और पीड़ा के प्रतीक के तौर पर याद करते हैं। आज ही के दिन सच्चाई व अहिंसा का पाठ सिखाने वाले प्रभु यीशू को राजद्रोह के अपराध में सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए दुनियाभर में जहां भी ईसाई धर्म के अनुयायी रहते हैं वहां अप्रैल माह के पहले हफ्ते में आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है।

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इसे होली फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे के नाम से जाना जाता है। यह एक शोक का दिन है और इस दिन ईसाई धर्म के के लोग चर्च में जाकर लोग प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना के दौरान ईसा मसीह के उपदेशों को पढ़ा जाता है और इन पर अमल करने की लोग कोशिश करते हैं।

गुड फ्राइडे का इतिहास

गौरतलब है कि प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित करते थे। ईसाई धर्म ग्रंथों के बताया गया है कि ईसा मसीह जेरूसलम में लोगों को ईश्वर का संदेश बताते थे, मानव कल्याण के उपदेश देते थे। लोगों पर उनके उपदेशों का गहरा असर होता था, जिससे प्रभावित होकर लोग ईसा मसीह को ईश्वर मानने लगे थे। इस तरह की घटना को देखते हुए धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया था। उन लोगों ने ईसा मसीह के खिलाफ रोम के शासक से शिकायत कर दी।

 उन लोगों ने राजा से कहा कि ईसा मसीह स्वयं को ईश्वर का पुत्र मानते हैं। जिसके बाद राजा ने ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए उन्हें मृत्युदंड का आदेश दिया था। जिसके बाद ईसा मसीह को कील के सहारे सूली पर लटका दिया गया था। जिस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। वहीं, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी रविवार को प्रभु ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए और 40 दिनों तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे। उनके पुनरुत्थान की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

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