भागलपुरः केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) ने शुक्रवार को भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा (Hindu self respect tour) की शुरुआत की है। सबसे पहले गिरिराज सिंह आज बूढ़ानाथ मंदिर (Budhanath Temple) पहुंचे। जहां उन्होंने बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर वहां से यात्रा की शुरुआत की। इसके बाद गिरिराज सिंह जिला स्कूल स्थित सभा स्थल पहुंचे जहां उनका स्वागत भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार साह, कहलगांव विधायक पवन यादव समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने त्रिशूल भेंट कर किया।
अस्तित्व को बचाने की यात्राः गिरिराज
इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश लेकर सभा स्थल पहुंचीं और हिंदू एकता के नारे लगाए गए। सभा को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने अपना दौरा रद्द कर दिया ताकि लोग हिंदू स्वाभिमान यात्रा से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि हिंदू स्वाभिमान यात्रा में राजद हिंदू, भारतीय जनता पार्टी हिंदू, कम्युनिस्ट पार्टी हिंदू, जेडीयू हिंदू और लोजपा हिंदू शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं के अस्तित्व को बचाने की यात्रा है।
जहां तीन थी वहां अब 20 लाख मस्जिदें
इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि मुसलमानों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए और हिंदुओं को पाकिस्तान से वापस बुला लेना चाहिए, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। जिसके बारे में बाबा साहब ने कहा था कि देश में कभी सद्भाव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू किस देश में हैं।
हमारे भाई सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं रहे, बंटवारे के बाद बांग्लादेश भी चले गए। वहां भी वे नहीं बचे। मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं, हमारे मंदिर तोड़ दिए गए, हमारी बेटियों को लूट लिया गया, अब हम 70 फीसदी पर आ गए हैं। जहां तीन मस्जिद थीं, वहां अब 20 लाख हैं। क्या हमें दुर्गा पूजा के आयोजन के लिए अनुमति लेनी होगी, क्या हमें रूट जानना होगा, क्या इसके लिए देश का बंटवारा हुआ था? या यह एक सोची समझी साजिश है? जब बांग्लादेश में मंदिर तोड़े जाते हैं, तो कोई नहीं जागता।
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हमने कभी किसी जुलूस पर पत्थरबाजी नहीं की
जब वोट बटोरने के लिए जुलूस निकाला जाता है, तो कोई नहीं बोलता। अगर कोई मुसलमानों को इकट्ठा करने के लिए जुलूस निकालता है, तो किसी के पेट में दर्द नहीं होता। 1947 से अब तक ताजिया निकाला जाता है। हम लोग लाठी लेकर जुलूस में शामिल हुए थे।
हमने कभी पत्थरबाजी नहीं की, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान जो कुछ हो रहा है, उसे हर कोई देख रहा है। इस सभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। दूसरी ओर, इस जुलूस के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे।
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