जोधपुर: ब्यूटीशियन अनीता चौधरी की हत्या का मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन पूछताछ में पुलिस को गुमराह कर रहा है। वह इस बात पर अड़ा है कि उसने लूट के इरादे से हत्या की है। पुलिस भी इसी थ्योरी पर जांच कर रही है। हालांकि पुलिस अभी हत्या की वजह का खुलासा नहीं कर रही है, लेकिन शुरुआती जांच में यह साफ हो रहा है कि गुलामुद्दीन ने लूट के इरादे से अनीता की हत्या की है।
आशंका है कि उसने अनीता को शर्बत में कुछ मिलाकर पिला दिया था, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। बाद में शव को ठिकाने लगाने के लिए गुलामुद्दीन ने उसके टुकड़े कर दफना दिया। पुलिस ने गुलामुद्दीन को कोर्ट में पेश कर सात दिन के रिमांड पर लिया है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल गुलामुद्दीन अपराधी किस्म का व्यक्ति है। वह पहले भी जहरखुरानी की वारदातों में शामिल रहा है। अनीता के जेवर व नकदी लूटने के लिए गुलामुद्दीन ने उसे कुछ ऐसा पिलाया, जिससे वह बेहोश हो गई और उठ नहीं पाई। यह बात गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा ने पुलिस को बताई है। फिलहाल पुलिस पूछताछ जारी है। गौरतलब है कि जोधपुर पुलिस ने गुलामुद्दीन को गुरुवार रात मुंबई सेंट्रल के पास से पकड़ा था।
शुक्रवार रात उसे जोधपुर लाया गया। अब तक की जांच में पता चला है कि गुलामुद्दीन ने 27 अक्टूबर की रात अनीता को कुछ पिलाया था। इसके बाद उसकी मौत हो गई। गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा को पता था कि अनीता उसके घर आई है, लेकिन वह अपने मायके गई हुई थी। जब अनीता नहीं उठी तो गुलामुद्दीन ने शव के टुकड़े कर दिए। इससे पहले उसने जेसीबी चालक को बुलाकर गड्ढा खुदवाया। रात में उसने शव के टुकड़ों को बोरों में भरकर गड्ढे में दबा दिया।
शव के पोस्टमार्टम में गतिरोध जारी
अनीता के परिजनों की मुख्य मांग आरोपी गुलामुद्दीन की गिरफ्तारी थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद भी पोस्टमार्टम के लिए उनकी ओर से कोई पहल नहीं की गई। हालांकि शुक्रवार को परिजन और समाज के लोग आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल के पास गए। इसके बाद पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल रात को जोधपुर पहुंचे। उन्होंने एडीसीपी सुनील के. पंवार व अन्य से वार्ता की। मामले की सीबीआई जांच, मुआवजा व डीसीपी को हटाने की मांग की गई। फिलहाल इन मामलों को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच पुलिस शव के अंतिम संस्कार को लेकर अब तक परिवार को सात नोटिस जारी कर चुकी है।
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कड़ी सुरक्षा में पेश किया गया
आरोपी गुलामुद्दीन को आज अवकाशकालीन मजिस्ट्रेट त्रिलोचना राठौड़ के निवास पर एडीसीपी सुनील कुमार व सरदारपुरा थाना प्रभारी दिलीप सिंह शेखावत ने भारी पुलिस जाब्ते के साथ पेश किया। पुलिस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर दस दिन का रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने उसे सात दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। जांच के दौरान कई तथ्य सामने आने की संभावना है।
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