लखनऊः मंत्रियों का घर-घर जाना, कई मंत्रियों का वहां डेरा डालना, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बावजूद समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सुधाकर सिंह की बंपर जीत ने बीजेपी के सभी दिग्गजों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दारा सिंह चौहान की हार का असर बीजेपी को पहले भी दिख रहा था, जिसके चलते बीजेपी ने पूरी कोशिश की थी। इसके बावजूद इसे जीत में बदलना तो दूर वोटों का अंतर भी कम नहीं कर पाई। एक तरफ समाजवादी पार्टी आगे भी यही रणनीति अपनाने की सोच रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी अपनी रणनीति की समीक्षा करने में जुटी है।
इस उपचुनाव में ओम प्रकाश राजभर के राजनीतिक करियर को भी झटका लगा है। उन्होंने दारा सिंह चौहान को जीतने के लिए वहां जाकर डेरा भी डाला लेकिन उसका भी कोई असर नहीं दिखा। अपने समुदाय पर मजबूत पकड़ रखने वाले ओम प्रकाश राजभर को अपने समुदाय के लोगों का उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिला। इससे अब ओम प्रकाश राजभर पहले की तरह बड़ी पार्टियों पर दबाव नहीं बना पाएंगे। स्थिति यह है कि घोसी में यह जीत अब तक किसी भी प्रत्याशी से ज्यादा वोटों के अंतर से हुई है। सुधाकर सिंह 42759 वोटों से जीते। पिछली बार दारा सिंह चौहान ने सपा से भाजपा प्रत्याशी पर 22216 वोटों से जीत दर्ज की थी। हालांकि वहां दारा सिंह चौहान की हालत पहले से ही खराब थी।
ये भी पढ़ें..असम में भीषण सड़क हादसा, तेज रफ्तार ट्रक से टकराई कार,…
उधर, घोसी में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि दारा सिंह चौहान किसी पार्टी से नहीं हैं। वे सिर्फ अपनी किस्मत चमकाने के लिए पार्टियां बदलते रहते हैं। समाजवादी पार्टी हर मतदाता को यह बात समझाने में सफल रही। इससे बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी दिखी। आखिर कार्यकर्ताओं का ज़मीर अभी भी ज़िंदा है और वे विचारधारा की वजह से एक पार्टी से जुड़े हुए हैं। उन्हें यह बात हजम नहीं हो रही थी कि जिस नेता के खिलाफ महज डेढ़ साल पहले उन्होंने प्रचार किया था, उसके साथ प्रचार कैसे करें।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)