Home उत्तर प्रदेश STF का एक्शन, फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के 3 शातिर गिरफ्तार

STF का एक्शन, फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के 3 शातिर गिरफ्तार

Ghaziabad Crime: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गाजियाबाद में छापेमारी कर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह अब तक विभिन्न सॉफ्टवेयर और वेबसाइट के जरिए करीब 7 हजार फर्जी सर्टिफिकेट बना चुका है। इसमें मुख्य रूप से कोविड वैक्सीन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शामिल हैं।

विभिन्न दस्तावेज बरामद

गिरोह ने पूरे भारत में 436 फ्रेंचाइजी भी बांट रखी थीं, जो इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद साहिल, मोहम्मद जुबैर और रियाजुद्दीन हैं। तीनों गाजियाबाद के रहने वाले हैं। इसमें मास्टरमाइंड मोहम्मद साहिल है। इसमें दो आरोपियों को दौलतनगर गांव से और तीसरे को ट्रॉनिका सिटी चौराहे से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, लैपटॉप, थंब स्कैनर, वेबकैम, 30 केवाईसी फॉर्म, 15 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विभिन्न अस्पतालों के 8 फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर, नगर पंचायत के 7 फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर आदि बरामद किए गए हैं।

एसटीएफ एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए इस गिरोह ने सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती कई फर्जी वेबसाइट बनाईं। पूछताछ में मास्टरमाइंड साहिल ने बताया कि कई राज्यों में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स द्वारा फर्जी वेबसाइट संचालित की जाती हैं।  फ्रेंचाइजी नियमित रूप से बेची जाती हैं। आरोपियों ने कबूल किया कि हम विदेशों से घुसपैठ करने वाले नागरिकों के लिए भारतीय जन्म प्रमाण पत्र भी बनाते हैं। जिसके आधार पर वे भारत का निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं और फिर उसी से आधार कार्ड भी बनवाया जाता है।

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STF ने क्या ये दावा

एसटीएफ का दावा है कि यह गिरोह अब तक 6675 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 224 मृत्यु प्रमाण पत्र बना चुका है। गिरोह ने देशभर में 436 लोगों को फ्रेंचाइजी बांटी है, जो इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। दूसरे आरोपी मोहम्मद जुबैर ने बताया कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य वेबसाइट के जरिए लोगों से संपर्क किया जाता था। एसटीएफ एएसपी ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर आधार कार्ड फर्जी बनाये जाने की आशंका है। इसलिए ये जानकारी UIDAI से ली जा रही है. यह गिरोह इन प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और बीमा कंपनियों से क्लेम लेने के लिए भी करता था। गिरोह से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। इस संबंध में गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया है।

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