भारत-जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी के रक्षा व सुरक्षा प्रमुख स्तंभ हैं-पीएम मोदी

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जर्मनी के साथ भारत की रणनीतिक भागीदारी में रक्षा एवं सुरक्षा महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और दोनों देश इससे जुड़ी संभावनाओं को पहचाने के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। भारत और जर्मनी हरित और टिकाऊ साझेदारी, जलवायु कार्रवाई और एसडीजी, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन पर मिलकर काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच शनिवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता के बाद हैदराबाद हाउस में संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों के चलते भारत में हर क्षेत्र में नए अवसर पैदा हो रहे हैं और वे जर्मनी के इनमें रुचि लेने से काफी खुश हैं।

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इससे पहले दोनों नेताओं ने पिछले साल मई में आयोजित 6वें अंतर सरकारी आयोग की चर्चा के प्रमुख परिणामों की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा रक्षा और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने, प्रतिभा की गतिशीलता बढ़ाने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग को व्यापक बनाने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि ‘क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म’ को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है।

वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच यूक्रेन संघर्ष को लेकर भी विचार–विमर्श हुआ। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि संघर्ष की शुरुआत से भारत आपसी मसलों का हल बातचीत के जरिए सुलझाने के पक्ष में रहा है। भारत इसमें हर प्रकार से सहयोग देने को तैयार है। जर्मन चांसलर शोल्ज ने अपने देश में उद्योगों से जुड़े कौशल की जरूरतों को आगे रखा। उन्होंने कहा कि भारत में इतनी प्रतिभा है और हम उसका लाभ उठाना चाहते हैं। हम जर्मनी में उस प्रतिभा को भर्ती करना और आकर्षित करना चाहते हैं।

इस दौरान उन्होंने यूक्रेन संघर्ष और उसके दुनिया पर पड़ रहे आर्थिक कुप्रभावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया आज रूस की आक्रामकता की कीमत चुका रही है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की पिछले एक साल में यह चौथी मुलाकात है।

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