Gariaband encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के भालूदिघी पहाड़ी क्षेत्र में तीन दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 16 नक्सलियों में से 12 की शुक्रवार को पहचान कर ली गई। 20 और 21 जनवरी को करीब 80 घंटे तक चली सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए। इन 12 चिन्हित नक्सलियों पर कुल 3 करोड़ 13 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
Gariaband encounter: इन 12 नक्सलियों की हुई पहचान
एसपी गरियाबंद राखेचा ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में 1 नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति शामिल है, जिस पर अकेले 90 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके अलावा 65 लाख का इनामी जयराम उर्फ गुड्डू, नुआपाड़ा-गरियाबंद-धमतरी डिवीजन कमेटी का प्रमुख 65 लाख का इनामी सत्यम गावड़े उर्फ सुरेन्द्र, 18 लाख का इनामी आलोक उर्फ मुन्ना, 13 लाख का इनामी शंकर, 13 लाख का इनामी कलमू देवे उर्फ कल्ला, 13 लाख की इनामी महिला नक्सली मंजू, 13 लाख की इनामी महिला नक्सली रिंकी, 3 लाख का इनामी सुखराम चलपती उर्फ जयराम, 3 लाख का इनामी रामे ओयाम, 3 लाख का इनामी जैनी उर्फ मुचाकी और 14 लाख का इनामी मन्नू की पहचान हुई है।
Gariaband encounter: कई राज्यों में मचा रखा था आतंक
यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में किसी मुठभेड़ में केंद्रीय कमेटी का सदस्य मारा गया है। चलपति उर्फ अप्पा राव गरियाबंद के भालूदिघी इलाके से तीन राज्यों में नक्सली गतिविधियों का संचालन करता था। गरियाबंद एसपी ने बताया कि सेंट्रल कमेटी सदस्य चलपति पिछले कई महीनों से धमतरी गरियाबंद नुआपाड़ा डिवीजन कमेटी के 20 से 25 नक्सलियों के साथ इस इलाके में मौजूद था। पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के अलावा इन नक्सलियों द्वारा आम मासिक बैठक करने की सूचना भी एजेंसियों से मिली थी। इसके बाद पुलिस ने नक्सल विरोधी कार्रवाई सेल के साथ मिलकर रणनीति बनाई। इस अभियान में जिला पुलिस बल की ई-30, एसटीएफ, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 और 211 के करीब 400 जवानों को भेजा गया था।
Gariaband encounter: बाकियों की पहचान जारी
उन्होंने बताया कि बेसराझार इलाके से होते हुए भालूदिघी पहाड़ी के दक्षिणी तराई इलाके में नक्सलियों का जमावड़ा लगा हुआ था। नक्सलियों ने यहां अपना अस्थायी कैंप बना रखा था। यह इलाका ओडिशा सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान जवानों ने 20 से ज्यादा आईईडी को भी निष्क्रिय किया है। वहीं एक एके 47 और 17 ऑटोमेटिक राइफल बरामद की गई है।
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उन्होंने कहा कि बरामद हथियारों की संख्या की तुलना में शवों की संख्या कम है, इसलिए माना जा रहा है कि नक्सली कुछ शवों या घायल लोगों को अपने साथ ले गए हैं। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर भागने में सफल रहे नक्सली सरेंडर करते हैं तो उन्हें सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा। अगर वे घायल भी होते हैं तो पुलिस उनके पूरे इलाज की व्यवस्था करेगी।
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