Sunday, November 24, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeअन्यक्राइमपॉलिसी पर लोन दिलवाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 262 वारदातों को दे...

पॉलिसी पर लोन दिलवाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 262 वारदातों को दे चुके है अंजाम

फरीदाबादः देशभर में साइबर क्राइम की 262 वारदातों को अंजाम देने वाले एक गैंग का पुलिस ने गुरुवार को भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 2 मोबाइल फोन व 1,17,500 रूपए बरामद किए है। उक्त गैंग के सदस्य किस्त में भरने या किसी अन्य कारण से लैस हुई पॉलिसी पर लोन दिलवाने का लालच देकर लोगों से मोटी रकमें हड़पते थे।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में धर्मेंद्र, विकास उर्फ विकी, सचिन, मनीष तथा मैक्स उर्फ बिल्लू का नाम शामिल है। आरोपी विकास यूपी के मुजफ्फरनगर, आरोपी धर्मेंद्र दिल्ली के त्रिलोकपुरी तथा आरोपी सचिन, मनीष तथा बिल्लू गुरुग्राम के रहने वाले हैं। आरोपी धर्मेंद्र तथा विकास साइबर क्राइम की वारदातों के मुख्य आरोपी हैं तथा आरोपी सचिन का बैंक खाता धोखाधड़ी की इन वारदातों में प्रयोग किया जाता था वहीं आरोपी मनीष तथा आरोपी बिल्लू आरोपी सचिन और धर्मेंद्र के बीच की कड़ी थी जो सचिन से बैंक एटीएम लेकर धर्मेंद्र तथा विकास को उपलब्ध करवाता था जो धोखाधड़ी से प्राप्त हुई रकम को निकलवा लेते थे। आरोपियों द्वारा फरीदाबाद के आदर्श नगर के रहने वाले सत्य प्रकाश से साइबर फ्रॉड की वारदात को अंजाम देते हुए 215949 हड़प लिए थे।

मुख्य आरोपी धर्मेंद्र एक इंश्योरेंस करवाने वाली कॉल सेंटर कंपनी में नौकरी करता था, जहां पर उसके पास विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों के ग्राहकों की जानकारी थी। आरोपी धर्मेंद्र कंपनी से जानकारी चुराकर लाता था। इसी जानकारी के आधार पर आरोपी ने अपने साथी विकास के साथ मिलकर पॉलिसी धारकों से संपर्क करना शुरू कर दिया। आरोपी उन कस्टमर को अपना निशाना बनाते थे जिनकी जिनकी पॉलिसी किस्त न भरने या अन्य किसी कारण से लेप्स हो चुकी होती थी। आरोपी पॉलिसी धारकों को कॉल करके उनकी लेप्स हुई पॉलिसी पर बजाज फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवाने का लालच देते थे।

यह भी पढ़ेंः-भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: जांच आयोग के समक्ष पेश हुए शरद पवार

जब पॉलिसी धारक अपनी लेप्स हुई पॉलिसी पर लोन लेने के लिए राजी हो जाता था तो वह उसे बैंक में नया खाता खुलवाने के लिए बोलते थे जिसमे लोन की रकम डालने का लालच दिया जाता थ और खाता खुलवाने के लिए पॉलिसी धारक का आधार, पेन कार्ड तथा अन्य जरूरी कागजात मंगवा लेते थे। इसके पश्चात आरोपी पॉलिसी होल्डर के कागजात के आधार पर बैंक में ऑनलाइन खाता खुलवाकर उसकी नेट बैंकिंग सर्विस एक्टिवेट करवा लेते थे तथा ग्राहक को अपने झांसे में लेकर ओटीपी की सहायता से नेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड तैयार करके अपने पास रख लिया जाता था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें