नौकरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह का भंडफोड़, नेट से निकालते थे डाटा फिर…

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नई दिल्लीः उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने खुद को नामी कंपनी का अधिकारी बताकर देशभर के बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रितेश कुमार (22) और अजय बघेल (26) के रूप में हुई है।

देते फर्जी नियुक्ति पत्र फिर मांगते थे पैसे

आरोपी Naukri.com, Shine.com और Quikr.com जैसी वेबसाइटों से बेरोजगार युवाओं का डेटा लेते थे और उनसे व्हाट्सएप या ईमेल के जरिए संपर्क करते थे। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने की बात करने के बाद आरोपी उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अलग-अलग मद में पैसे ले लेते थे।

आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड, पासबुक, लैपटॉप और तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस इस मामले में सौरभ नाम के आरोपी और उसके गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है। पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

खुद को बताते थे कंपनी का एचआर

डीसीपी सागर सिंह कलसी ने सोमवार को बताया कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से साइबर पुलिस स्टेशन को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता लड़की ने बताया कि वह नौकरी की तलाश में थी। इसके लिए उन्होंने अपना बायोडाटा Shine.com और Quikr.com पर डाला था।

इस दौरान आरोपियों ने खुद को एक नामी कंपनी का एचआर मैनेजर बताया। पीड़िता से कहा कि वह डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी तलाश रही है। उन्हें घर से ही काम करना पड़ रहा है। पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए उसे एक नियुक्ति पत्र भी भेजा गया। इसके बाद आरोपियों ने रजिस्ट्रेशन, जीएसटी सिक्योरिटी फीस और कई अन्य मदों के लिए ऑनलाइन पैसे ले लिए।

पीड़ित से 45,230 रुपये लेने के बाद भी आरोपी और पैसों की मांग करने लगा। पीड़िता को शक हुआ तो उसने इसकी जांच कराई। बाद में उसे पता चला कि आरोपियों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। शिकायत मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर व अन्य की टीम गठित की गई।

इधर, टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी के आसपास कहीं से वारदात को अंजाम दे रहे हैं। आसपास के इलाके में लगे एटीएम से भी ठगी की रकम निकाली जा रही है। जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए वे भी फर्जी पते पर पाए गए। जांच के बाद पुलिस ने सबसे पहले नांगलोई निवासी अजय बघेल को पकड़ा।

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पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कोविड में लोन मिलने के बाद वह ठगी की वारदातों में शामिल हो गया। उसका काम धोखाधड़ी की रकम के लिए फर्जी दस्तावेजों पर खाता खोलना है। इसके बदले में उसे ठगी की रकम का 20 फीसदी मिलता था। रितेश और सौरभ नाम के आरोपी खुद को एचआर मैनेजर बताकर लोगों से अंग्रेजी में बात करते थे। साइबर थाना पुलिस ने रितेश को भी गिरफ्तार कर लिया।

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