G20 Summit: राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू जारी। इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना नई दिल्ली पहुंच चुके है। ऋषि सुनक का बतौर पीएम यह भारत का पहला दौरा है। जबकि बांग्लादेश को भारत की ओर से बतौर अतिथि G-20 में बुलाया गया है।
इसके अलावा इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज दिल्ली पहुंच चुके हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इंतजार है। बाइडन का प्लेन समय को दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति आज ही पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन में विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए राष्ट्रीय राजधानी को शाही और भव्य तरीके से सजाया गया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने गणमान्य अतिथियों के स्वागत के लिए विभिन्न केंद्रीय राज्य मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
#WATCH | भारत में जी 20 शिखर सम्मेलन | यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उनका स्वागत किया। pic.twitter.com/RR6OhvoZVt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 8, 2023
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जी-20 शिखर सम्मेलन को देखते हुए भारतीय सेना ने दिल्ली के तीन अस्पतालों को अपने अधीन ले लिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर दिल्ली आने वाले विदेशी मेहमानों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। सेना ने अपने आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल को स्टैंडबाय पर रखा है। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए आयोजन स्थल से लेकर एयरपोर्ट तक भारतीय सेना का बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया है।
#WATCH | Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina arrives in Delhi for the G20 Summit.
She was received by MoS for Railways & Textiles Darshana Jardosh. pic.twitter.com/9DaZkYtEBO
— ANI (@ANI) September 8, 2023
करीब 500 VVIP कारों का काफिला भी दिल्ली लाया गया
दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के नेताओं और नौ अन्य आमंत्रित देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ 1200 वरिष्ठ नौकरशाह दिल्ली में जुट रहे हैं। इसके अलावा इन 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ करीब एक लाख सुरक्षा कर्मचारी और द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भी अपने-अपने राष्ट्राध्यक्षों या वरिष्ठ राजनयिकों के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। विदेशी मेहमानों में कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, चीन, रूस से करीब 500 वीवीआईपी कारों का काफिला भी दिल्ली लाया गया है, जिसमें से अकेले अमेरिकी राष्ट्रपति के पास 50 कारों का काफिला है। विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए राजधानी के 23 पांच या सात सितारा होटल पहले ही बुक हो चुके हैं। इनमें आम लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इन सभी होटलों पर जमीन से लेकर आसमान तक नजर रखी जा रही है।
इस होटल में टहरेगें अमेरिकी प्रेसिडेंट, एक दिन का किराया 8 लाख
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को समायोजित करने के लिए, आईटीसी मौर्य की तीन मंजिलों को उनके सर्विस सीक्रेट एजेंटों ने दो दिन पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है। बिडेन होटल की तीसरी मंजिल पर रहेंगे, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के नीचे और ऊपर की मंजिल पर उनके सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई नहीं रह सकता है। होटल के प्रेसिडेंट सुइट का दैनिक किराया 8 लाख रुपये है। सर्विस सीक्रेट एजेंटों ने बिडेन के होटल के कमरे से हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को हटा दिया है और अपने डिवाइस लगा दिए हैं। कमरों की खिड़कियों को बुलेट प्रूफ बनाया गया है।
दिल्ली में सुरक्षा सख्त, परिंदा भी नहीं मार सकता पर
जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल के आसपास दिल्ली के 35 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बलों, एनएसजी और सीआरपीएफ कमांडो के 60 हजार जवानों को तैनात किया गया है। परिंदा को किसी भी तरह की मार से बचाने के लिए कार्यक्रम स्थल के आसपास ऊंची इमारतों पर विमान भेदी बंदूकें तैनात की गई हैं। इसके अलावा 40 हजार से ज्यादा सीसीटीवी, फेस रीडिंग कैमरे, पुलिस और कमांडो के स्नाइपर, खोजी कुत्तों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। प्रगति मैदान के पास हाल ही में बनी सुरंग को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।
अस्पतालों में सभी राष्ट्राध्यक्षों के लिए अलग कमरे बुक: इन तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद किसी भी आतंकी घटना या अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली के एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों को 24 घंटे के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन अस्पतालों में सभी राष्ट्राध्यक्षों के लिए अलग-अलग कमरे बुक किए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। भारतीय सेना ने इन तीनों अस्पतालों को अपने कब्जे में लेने के बाद डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमों सहित अपनी त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा टीमों को तैनात किया है। सेना ने दिल्ली कैंट स्थित अपने आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल को भी स्टैंडबाय पर रखा है।
सुरक्षा में 6,000 जवान तैनात
चारों अस्पतालों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित टीमों को सेना की विशेषज्ञ कोर ऑफ इंजीनियर्स टीमों द्वारा भी समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के लिए आयोजन स्थल से लेकर एयरपोर्ट तक भारतीय सेना का बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया है। इसमें तीन ब्रिगेड के करीब 6000 जवानों को तैनात किया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए गए हैं। सेना ने एक अज्ञात स्थान पर गोदाम बनाया है, जहां पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद और गोलियां रखी जाती हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर कोई कमी न हो। होटलों से भारत मंडपम तक के रास्ते को कई ब्लॉक में बांटकर सुरक्षा की तैयारी की गई है।
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