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G20 Summit: भारत की सऊदी अरब से बढ़ती नजदीकियों से बेचैन हुआ पाकिस्तान, जानें क्या है वजह

India-Saudi-Arabia G20 Summit: भारत और सऊदी अरब के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। जी-20 सम्मेलन में सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पीएम मोदी के बीच गर्मजोशी देखने को मिली। इस मंच पर दोनों ने खुलकर एक-दूसरे का समर्थन किया। इस्लामिक देश होने के बावजूद पाकिस्तान को भारत से ये नजदीकी रास नहीं आ रही है। उन्हें डर है कि सऊदी अरब से उनके रिश्ते खराब हो सकते हैं। दरअसल, सऊदी अरब ही एक ऐसा देश है जो पाकिस्तान को हर मुश्किल घड़ी से बचाता आया है। कर्ज देने वाले देशों की सूची में पाकिस्तान सबसे आगे है। G20 में भारत-सऊदी और यूरोप के नए आर्थिक गलियारे को लेकर पाकिस्तान को झटका लगा है। इसके साथ ही उन्हें सऊदी से आर्थिक मदद न मिलने की आशंका भी सता रही है। पाकिस्तान के लोगों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी सरकार पर गुस्सा निकालना शुरू कर दिया है। इसकी वजह ये है कि हाल ही में सऊदी प्रिंस ने इस्लामाबाद का अपना दौरा रद्द कर दिया था। लोगों का कहना है कि सऊदी प्रिंस को पाकिस्तान जाने का वक्त नहीं मिला, लेकिन भारत के लिए उनके पास काफी वक्त है। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी वजह शनिवार को नई दिल्ली में अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली आदि देशों के नेताओं की संयुक्त घोषणा है। जी20 सम्मेलन में कई ऐसे फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ने वाला है

ये हैं कारण

  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) की घोषणा से पाकिस्तानी नागरिकों में चिंता बढ़ रही है। पाकिस्तानियों में अपनी सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान भी चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है। बीआरआई को भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से चुनौती मिलेगी। इससे पाकिस्तान को भी नुकसान होगा।
  • सऊदी और पाकिस्तान पुराने दोस्त माने जाते हैं। लेकिन भारत के साथ रिश्ते सुधारना उसके गले की फांस है। पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि सऊदी प्रिंस जल्द से जल्द पाकिस्तान का दौरा करें। ऐसे में पाकिस्तान अपने आर्थिक हालातों का हवाला देकर बड़े कर्ज की मांग कर सकता है।
  • इस्लामिक फोरम में सऊदी का समर्थन न मिलने का डर भी पाकिस्तान को सता रहा है। इस मंच की मदद से पाकिस्तान कश्मीर में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार का प्रचार करता रहा है। भारत से नजदीकियां बढ़ने पर पाकिस्तान की ये चाल नाकाम हो सकती है। पाकिस्तान को यह एहसास हो रहा है कि इस्लामिक देशों के संगठन में वह अब अकेला पड़ गया है।
  • बता दें कि सऊदी और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंध काफी पुराने हैं। दोनों एक दूसरे को भाई की तरह देखते थे। 1980 के दशक में सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से 15,000 सैनिक भेजे गए थे। रॉयल सऊदी सशस्त्र बल दशकों से पाकिस्तान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसे लेकर पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है कि कहीं भारत के साथ भी ये रिश्ते और मजबूत न हो जाएं।
  • सऊदी अरब ने हाल ही में वादा किया था कि वह पाकिस्तान में 25 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है। पाकिस्तान इस निवेश को लेकर काफी उत्साहित है। लेकिन जी20 बैठक के बाद उन्हें डर है कि सऊदी अरब अपने कदम पीछे खींच सकता है। इस बीच सऊदी ने चुप्पी साध रखी है। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान में जो 25 अरब डॉलर का निवेश किया जाना था, वह इस नए सऊदी-भारतीय आर्थिक गलियारे (एसआईपीईसी) का हिस्सा नहीं होगा।
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