Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 की तारीख को इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। ये वो दिन है जिसका इंतजार हर कोई कई सदियों से कर रहा था। ये दिन बहुत ही खास और ऐतिहासिक होने वाला है। जैसे जैसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठ की घड़ी नजदीक आ रही है वैसे वैसे पूरी आयोध्या भक्ती रस में सराबोर हो चुकी है चारों तरफ हर्षोल्लास का माहौल है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठ के बीच देश के कोने कोने भक्त उपहार भेज रहे हैं। वहीं राजा राम की ससुराल जनकपुर से भी उपहार में फल और मिठाइयां आई है।
भगवान राम की ससुराल से आया उपहार
बता दें कि, ये उपहार राजा राम की ससुराल यानी जनकपुर के सभी घरों से आए हैं। मिथिला की ऐसी परंपरा है कि बेटी के ससुराल में कोई भी नया काम होता है तो मायके से उपहार भेजा जाता है। जनकपुर के लोगों ने ये उपहार भेजकर इस परंपरा को बनाए रखा और साथ साथ सामाजिक समरसत्ता का भी संदेश दिया है।
3 ट्रकों में भरकर आये उपहार
आपको बता दें कि, नेपाल से ये उपहार 3 ट्रकों में भरकर आये हैं, जिसमे कई तरह की मिठाइयां और फल है। इन फल और मिठाइयों को भोजन के दौरान भक्तों में बांटी जा रही है। जनकपुर से आए रघुनाथ ने समाचार एजेंसी को बताया कि, मिथिला की परम्परा है कि, बेटी के ससुराल में कोई नया निर्माण होता है तो मायके से भार जाता है रामलला अपने दिव्य भवन में पधार रहे हैं। इस सुअवसर पर उनकी ससुराल ने इस परम्परा का निर्वहन किया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, सबसे महत्व की बात ये है कि, जनकपुर के प्रत्येक परिवार ने वो चाहे जिस भी जाति या बिरादरी का हो, सभी ने रामजी के लिए उपहार भेजा है।
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56 प्रकार की मिठाइयां और फल
उन्होंने ये भी बताया कि उपहार में भगवान राम के लिए चांदी का खड़ाऊं और धनुष बाण आया है। इसके अलावा मौसम के अनुरूप पहनने के लिए कपड़े आये हैं। माता सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रंगार के सभी सामान आदि भेजा है। रघुनाथ ने आगे बताया कि, जनकपुर से जब यात्रा शुरू हुई तो 3 हजार थाल थे। अयोध्या पहुंचते-पहुंचते उसकी संख्या पांच हजार हो गयी। इनमें 56 प्रकार की मिठाइयां, ड्राईफ्रूट और सभी प्रकार के फल शामिल हैं।
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