बैंक कर्मचारियों से सांठगांठ कर लोन के नाम पर की 21 लाख की हेरफेरी, जांच में जुटी पुलिस

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अनूपपुर : जिले में लोन दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। देवेश शुक्ला के पड़ोस में रहने वाले मनीष मालू, अकील अहमद, मुकेश ने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से शनिवार को पुलिस अधीक्षक से देवेश शुक्ला के साथ 21 लाख रुपये की हेराफेरी की शिकायत की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ये है मामला

देवेश शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि देवेश और अकील के घरेलू संबंध थे। देवेश के पिता की मृत्यु के बाद, देवेश ने अकील से कुछ पैसे उधार लिए थे। इसके बदले में उसने अपना और अपनी मां का चेक दिया था। देवेश ने कई बार कर्ज लिया था, जिसके चलते देवेश को चेक के नंबर याद नहीं थे। इसका फायदा उठाकर अकील ने अपने 7 चेक अपने पास रख लिए। देवेश को जब इस बात का पता चला तो उसने अकील से चेक मांगा, लेकिन उसने बताया कि चेक उसके पास नहीं है। अकील ने मनीष से समझौता कर लिया और आज भी मनीष के नाम से चेक बाउंस का मैसेज आ रहा है। देवेश शुक्ला ने मनीष को चेक कभी नहीं दिया। मनीष ने बैंक मैनेजर व अन्य कर्मचारियों से मिलीभगत कर देवेश शुक्ला के नाम पर लोन का प्रस्ताव रखा।

कर्ज लेकर वापस ले लिया

परिवार की सहमति के बिना ग्रामीण बैंक अनूपपुर व लघु वित्त बैंक शहडोल से 19 लाख 28 हजार रुपये का ऋण लिया गया। अगले दिन घर आकर उसने चेक व फोन से 4 लाख, 1 लाख, 2 लाख 19 हजार, 4 लाख व 2 लाख 60 हजार, 2 लाख 50 हजार, 10 लाख 50 हजार रुपये लिए। साथ ही 2 लाख रुपए और फोन पे से कुछ पैसे यह कहकर ले लिए कि अभी तुम्हारी जरूरत नहीं है इसलिए मुझे दे दो। मैं एक जमीन खरीद रहा हूँ।

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15 दिन बाद भी नहीं लौटा

मनीष ने कहा कि मैं 15 दिन के अंदर पैसे लौटा दूंगा। उसके बाद भी देवेश शुक्ला ने रुपए नहीं देने का दबाव बनाया तो मनीष ने रुपए देने से मना कर दिया। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस अधीक्षक से की थी। जिसकी जांच एसडीओपी कीर्ति बघेल कर रहे हैं। मनीष ने छोटी-छोटी रकम भरकर देवेश शुक्ला को करीब 8 चेक दिए और उन्हें बैंक में डालने को कहा। देवेश ने चेक बैंक में जमा कराया तो चेक बाउंस हो गया।

21 लाख 12 हजार की ठगी

चेक की राशि करीब 17 लाख 30 हजार रुपये थी और दो लाख नकद देने को कहा, लेकिन देवेश ने रुपये नहीं दिये. देवेश के खाते के मुताबिक कुल रकम 28 लाख 70 हजार रुपये निकल रही है और मनीष अब तक 7 लाख 58 हजार रुपये दे चुका है. इस तरह 21 लाख 12 हजार रुपए की हेराफेरी की गई है।

फरियादी को झूठे मामले में फंसाने की साजिश

मनीष ने बिना सहमति के धोखे से लोन प्रपोजल करवा लिया। लोन मिलने के बाद मनीष ने पैसे ले लिए। अब जब देवेश और उसके परिवार के लोग पैसे की मांग करते हैं तो उन्हें फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। हाल ही में मनीष ने धोखे से लोन दिलवाया और अनूपपुर कोर्ट में देवेश के खिलाफ सूदखोरी का झूठा मुकदमा दायर किया गया है. अकील के पास से देवेश का चेक बाउंस हो गया है। वह इस घटना से काफी आहत हैं। शिकायतकर्ता ने अकील, मनीष और मुकेश चेजारा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।

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