कैथल में नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी, मां-बेटे समेत 6 पर केस दर्ज

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Crores of rupees cheated

कैथल: कर्मचारी चयन आयोग का पेपर पास करवाकर विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 13 लाख 18 हजार रुपये की ठगी करने के आरोप में थाना सिविल लाइन पुलिस ने मां-बेटे समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 15 अगस्त को दर्ज मामले में भगत सिंह कॉलोनी करनाल रोड निवासी दीपक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गुरुकुल एकेडमी में कोचिंग ले रहा था। इस दौरान उसकी पहचान अंबेडकर कॉलोनी निवासी राजेश से हुई। राजेश ने घर जाकर उसे अपने पिता और मां से भी मिलवाया। इस दौरान राजेश ने कई बार उससे पैसे लिए और वापस कर दिए।

राजेश ने उसे विश्वास में लेते हुए बताया कि वह दिल्ली में रहने वाले रेलवे अधिकारी अश्विनी से अच्छी तरह परिचित है। अश्विनी एसएससी के चेयरमैन के परिचित हैं। उस ने अश्विनी के साथसाथ कई लड़कों की नौकरी लगवा रखी है। दीपक ने बताया कि उन्होंने 2021 में एसएससी के माध्यम से नौकरी के लिए आवेदन किया और 19 अप्रैल 2022 को पहला पेपर दिया। जिसका पता राजेश के पास आया। राजेश ने उसे बताया कि उसने अश्वनी से बात की है। पेपर पास करने के बाद उसे नौकरी दिलाने की पूरी जिम्मेदारी वह लेता है। उन्होंने उसे नौकरी पाने की अंतिम सूची भी दिखाई। राजेश ने उसे 15 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी ली।

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जब उसने कहा कि वह इतने पैसे एक साथ नहीं दे सकता तो राजेश ने कहा कि उसे दो या तीन बार में पैसे देने होंगे। पेपर में पास होने का पूरा भरोसा देते हुए राजेश ने उससे तीन लाख रुपये की मांग की। जिसे उसने दो जुलाई 2022 को राजेश ने उसे बताया कि उसके पेपर का रिजल्ट अगले दिन आने वाला है। तीन जुलाई को राजेश ने उसके मोबाइल पर पेपर पास होने की सूची का स्क्रीन शॉट भेजा। कुछ दिन बाद उसने दूसरा पेपर पास करने के लिए 5 लाख रुपये मांगे, जो उसने अपनी मां और परिवार पर भरोसा करके दे दिए। राजेश ने कई बार फोन पर ताजा बातें करवाईं।

राजेश की मां और भाई ने उसे नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। 20 अक्टूबर 2022 को राजेश ने बताया कि उसका दूसरा पेपर भी पास हो गया है। उसने 5 लाख रुपये मांगे, जो उसने गूगल के माध्यम से अपने बैंक खाते में जमा करा दिए। एसएससी को उन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए नोटिस मिले हैं, जिन्हें नहीं मिले हैं। जब उसने विरोध किया तो वह टालमटोल करता रहा। 17 मार्च 2023 को अंतिम सूची आने के बाद जब उन्होंने अपना नाम न होने पर आपत्ति जताई तो राजेश अपनी मां और भाई के पास बैठे और उन्हें बताया कि उन्होंने जो सूची भेजी थी, वह भेज दी गई है। उसने अपनी बुआ के बेटे गुरमीत का सीएससी सेंटर में फर्जी सीटिंग बनाकर उसमें रोल नंबर एडिट कर दिया। पुलिस ने दीपक की शिकायत पर राजेश, उसके भाई विजेंद्र और मां माली देवी बुआ के बेटे गुरमीत दिल्ली निवासी अश्विनी मौसा मौसी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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