नई दिल्लीः फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के राजनयिक सलाहकार इमैनुअल बोने इस समय भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान फ्रांसीसी सरकार ने भारत में निवेश बढ़ाने के लिए पेशकश की है। फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन ’मेड इन इंडिया’ के तहत भारत में 100 से अधिक राफेल लड़ाकू जेट का निर्माण करना चाहती हैलेकिन भारत 36 जेट विमानों की आपूर्ति होने के बाद इस बारे में निर्णय करेगा।
भारत सरकार ने फ्रांसीसी कम्पनी दा दसाल्ट से सितम्बर, 2016 में दो स्क्वाड्रन के बराबर यानी 36 राफेल विमानों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। इनमें तीन और राफेल जेट इसी महीने भारत पहुंचेंगे। अभी तारीख फाइनल नहीं हुई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन विमानों को सीधे फ्रांस से गुजरात के जामनगर एयरबेस पर लाया जाएगा। रास्ते में भारतीय और फ्रांसीसी टैंकरों से तीनों फाइटर जेट को हवा में ही ईंधन दिया जाएगा। तीन विमानों का यह बैच आने के बाद ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों में जुटी वायुसेना के पास 11 राफेल हो जाएंगे। दरअसल अक्टूबर, 2020 में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पहली बार संकेत दिया था कि आधिकारिक तौर पर राफेल लड़ाकू जेट विमानों की दो और स्क्वाड्रन खरीदने का निर्णय विचाराधीन है।
वायुसेना की एक स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं, इसलिए राफेल जेट्स की पहली स्क्वाड्रन अम्बाला एयरबेस में बनाई गई है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए पश्चिम बंगाल के हासीमारा में होगी। अब तक 8 राफेल भारत आ चुके हैं जिन्हें ऑपरेशनल करके पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर तैनात किया गया है। योजना के अनुसार अप्रैल, 2021 तक भारत को 21 राफेल जेट मिलने हैं जिनमें 3 इसी माह आयेंगे। इसके बाद मार्च में 3 और अप्रैल में 7 राफेल भारत को मिल जायेंगे।सभी 36 विमानों की आपूर्ति साल के अंत तक होने और इनके वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। राफेल जेट की आपूर्ति के बीच ही मोदी सरकार भारतीय वायु सेना के लिये 114 नए विमानों की निविदा पर काम कर रही है। इस बीच 2017 में फ्रांस ने मोदी सरकार को राफेल जेट विमानों के लिए ‘मेक इन इंडिया’ का मार्ग चुनने के लिए लिखा था।
सूत्रों का कहना है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुअल बोने के भारत दौरे के समय फ्रांसीसी सरकार ने भारत सरकार के सामने भारत में निवेश बढ़ाने के लिए पेशकश की है। इसके तहत फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत में 100 से अधिक राफेल लड़ाकू जेट का निर्माण करना चाहती है। दरअसल फ्रांस भारत को पहले ही बता चुका है कि अधिक संख्या में राफेल का ऑर्डर होने पर लड़ाकू जेट का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में किया जा सकता है। इस मामले पर दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक और विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जाएगी। शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि 2016 में ऑर्डर किए गए 36 विमानों की आपर्ति होने के बाद अतिरिक्त 36 राफेल लड़ाकू जेट विमानों के बारे में कोई फैसला लिया जायेगा क्योंकि फ्रांसीसी राफेल काफी महंगे हैं।