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तोमर बोले- कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात है एफपीओ की योजना

नई दिल्लीः केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में बनाए जा रहे 10 हजार कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) से किसानों को लाभ होगा। तोमर ने गुरुवार को क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (सीबीबीओ) के राष्ट्रीय सम्मेलन को दिल्ली में संबोधित करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में एफपीओ बनाने की योजना कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात है। इस क्रांति के माध्यम से बुआई से बाजार तक किसानों को सक्ष्म बनाकर उनकी आमदनी बढ़ाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

तोमर ने कहा कि एफपीओ से किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सीबीबीओ को हर तरह के जतन करने होंगे। एफपीओ की परिकल्पना तब पूरी होगी, जब एफपीओ बनने के बाद उसका लाभ किसानों को मिलने लगेगा। मंत्री ने कहा कि सीबीबीओ को सरकार साधन दे रही है। इससे अच्छे परिणाम आने चाहिए। सीबीबीओ इसलिए बनाए गए हैं, क्योंकि वह इस विषय में विशेषज्ञ हैं, जागरूकता फैला सकते हैं, किसानों को खेती में तकनीकी मदद दे सकते हैं, किसान अच्छा- गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करें, इस दृष्टि से मार्गदर्शन कर सकते हैं।

आगे उन्होंने कहा कि सीबीबीओ किसानों को वाजिब दाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। श्रेष्ठ एफपीओ के गठन के लिए सीबीबीओ को सभी को साथ लेकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफपीओ छोटे किसानों के संगठन हैं। इस पूरी योजना पर सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च करेगी। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें एफपीओ के माध्यम से साधन उपलब्ध कराने से लेकर प्रोसेसिंग व उपज की बाजार में उचित दाम पर बिक्री में सहयोग जैसी सुविधाएं दिलाना सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों की संगठन शक्ति के प्रतीक हैं।

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एफपीओ की स्कीम में सीबीबीओ महत्वपूर्ण कड़ी है, यह ठान ले तो उद्देश्य की प्राप्ति जरूर होगी। कुल मिलाकर उद्देश्य यह है कि किसानों को लाभ पहुंचे।

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