Jimmy Carter: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को 100 साल की उम्र में निधन हो गया। वे अब तक के सबसे उम्रदराज अमेरिकी राष्ट्रपति थे। वे भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति भी थे। कार्टर (Jimmy Carter) का निधन जॉर्जिया में उनके घर पर हुआ। वे त्वचा कैंसर (मेलेनोमा) से पीड़ित थे, जो उनके लीवर और मस्तिष्क तक फैल गया था। उन्होंने इलाज बंद कर दिया था और घर पर ही देखभाल की जा रही थी।
अटलांटा स्थित कार्टर (Jimmy Carter) सेंटर ने उनके निधन की जानकारी दी। उनके बेटे चिप कार्टर ने कहा, “मेरे पिता मेरे और शांति, मानवाधिकार और निस्वार्थ प्रेम में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए हीरो थे। उन्होंने लोगों को एक साथ लाकर पूरी दुनिया को हमारा परिवार बना दिया। उनकी याद में इन मूल्यों को अपनाते रहें।”
Jimmy Carter : राष्ट्रपति बाइडेन-ट्रंप ने जताया दुख
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्टर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक दुखद दिन है, लेकिन साथ ही उनके साथ कई अविश्वसनीय यादें जुड़ी हुई हैं। मुझे लगता है कि आज अमेरिका और दुनिया ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया है। वह एक राजनेता और मानवतावादी थे और मैंने भी एक प्रिय मित्र खो दिया। मैं जिमी कार्टर को 50 से अधिक वर्षों से जानता हूं।”
वहीं, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जब जिमी राष्ट्रपति बने थे, तब हमारा देश एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा था और उन्होंने अमेरिकी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। इसके लिए हम सभी उनके आभारी हैं। इस कठिन समय में, मैं और मेरी पत्नी कार्टर के परिवार और उनके प्रियजनों के बारे में सोच रहे हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में रखें।
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Jimmy Carter: 1978 में कार्टर पत्नी के साथ आए थे भारत
गौरतलब है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कार्टर (Jimmy Carter) ने डेमोक्रेट पार्टी की ओर से 1977 से 1981 तक एक कार्यकाल पूरा किया था। उनके कार्यकाल में इजरायल और मिस्र के बीच कैंप डेविड समझौते जैसी उपलब्धियां हासिल हुईं। राष्ट्रपति पद के बाद भी कार्टर ने असाधारण काम किया और 2002 में कार्टर को नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
1978 में अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने और आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए कार्टर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला। 1978 में कार्टर अपनी पत्नी के साथ भारत आए थे। उन्होंने राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मुलाकात की और संसद को संबोधित किया। गुड़गांव के जिस गांव में वे गए थे, उसका नाम उनके सम्मान में “कार्टरपुरी” रखा गया, जो आज भी वैसा ही है।