श्रीलंका लौटे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, आर्थिक संकट के चलते विद्रोह होने पर छोड़ा था देश

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कोलंबोः श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश लौट आये हैं। श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते जारी भारी विरोध प्रदर्शन के बाद गोटाबाया जुलाई में देश छोड़कर चले गए थे। पूर्व राष्ट्रपति के स्वदेश लौटने की पुष्टि एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने की। आर्थिक संकट से नाराज प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय और आवास पर धावा बोल दिया था, जिसके बाद गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा देकर देश छोड़कर चले गए थे।

गोटाबाया मालदीव के रास्ते सिंगापुर भाग निकले थे। उन्होंने कुछ समय थाईलैंड में बिताए थे। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट अभी भी बरकरार है और सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन के बाद हालात सुधार के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है। राजपक्षे के अपदस्थ होने के बाद तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को उनका उत्तराधिकारी चुना गया था। रानिल विक्रमसिंघे को 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़े दल श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) का समर्थन हासिल था।

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श्रीलंका की संसद ने पारित किया अंतरिम बजट
वहीं श्रीलंका की संसद ने 120 मतों के साथ अंतरिम बजट पारित किया। इस बजट के विरोध में महज 5 मत पड़े। जबकि 43 ने मतदान देने से परहेज किया। शुक्रवार को मतदान से दूर रहने वाले संसद सदस्यों (सांसदों) में मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया और सांसदों का एक समूह शामिल था, जो सत्तारूढ़ दल श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) से अलग हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 30 अगस्त को अंतरिम बजट संसद में पेश किया था। जुलाई में विक्रमसिंघे ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अगस्त में अंतरिम बजट पेश किया जाएगा।

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