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पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार पर छलका पूर्व ओलंपियन का दर्द, सरकार से की ये गुजारिश

ashok-dhayanchand झांसीः विश्व विजेता हॉकी टीम के हीरो रहे ओलंपियन अशोक ध्यानचंद ने पहलवानों के प्रदर्षन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी पानी की तरह मुलायम और पत्थर की तरह कठोर होता है। पहलवानों के मुद्दे पर उन्होंने बेबाक अंदाज में खेल कहा कि सरकार को हठधर्मिता का मार्ग छोड़कर देश के इन पहलवानों से बात कर जल्दी यह मामला सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पहलवानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर दुख जताते हुए कहा कि लंबे समय से सड़कों पर बैठे ओलंपिक पदक विजेता और पद्म पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन और उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार से देश की छवि भी धूमिल हो रही है। श्री ध्यानचंद ने सरकार ने आग्रह करते हुए कहा कि वह आपस में सामंजस्य बनाकर इस प्रकरण को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करें। वहीं उन्होंने देश के पदक विजेता पहलवानों को भी इशारा करते हुए कहा कि थोड़ा संयम आप भी रखें, क्योंकि देश के लिए पदक जीतना किसी तपस्या से कम नहीं और आपने कठोर तपस्या कर इन पदकों को प्राप्त किया है। उन्हें विसर्जित नहीं करना चाहिए। ये भी पढ़ें..पहलवानों के मामलों में बोले अनुराग ठाकुर, जल्द एक्शन लेगी पुलिस उन्होंने एक बार फिर सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि सरकार जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति पर कार्य कर रही है वह खिलाडियों के दर्द को समझेगी। समझ-बूझ और विवेक से इसका निस्तारण करेगी। अर्जुन पुरस्कार व यश भारती पुरस्कार से सम्मानित अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हिंदुस्तान के लिए पदक विजेता बेटियों को सड़कों पर बैठा देखकर मन आहत है। सरकार को भारत की बेटियों से बातकर अपना स्लोगन ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ सार्थक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खिलाड़ियों से बात करके इस प्रकरण को जल्द से जल्द सुलझाए और खिलाड़ियों के दर्द को समझने के प्रयास करे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)