रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार ने तीसरा बजट पेश किया। पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल ने बजट को बहुत ही निराशाजनक बताया है। अपनी प्रतिक्रिया में अमर ने बजट जनता की उम्मीदों को तोड़ने वाला बताया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य का बजट पेश किया। पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल ने बजट को निराशाजनक बताया है। अमर अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य की जनता की उम्मीदों को डुबाने वाला बजट पेश किया है। भूपेश बघेल ने घोषणाजीवी सरकार का मात्र कागजी बजट पेश किया है। जिसका जनता के हितों से कोई विशेष सरोकार नहीं है।
अमर ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ते जा रहा है। सरकार जीएसडीपी के 25 प्रतिशत की लोन लिमिट का भ्रम फैलाकर बिना विकास योजनाओं में खर्च किए राज्य की जनता पर कर्जो का बोझ लादते जा रही है। उद्योग और सेवा क्षेत्र को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर में किये गए प्रावधान नाकाफी है।पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती पूर्ण परिस्थिति में भी सुधारों की बजाए मुख्यमंत्री की ब्रांडिंग करने के लिए घोषणाएं की गई है। युवाओं के लिए विशेषकर निराश करने वाला बजट है। रोजगार और नई भर्ती के पर ध्यान नही दिया गया है। शासकीय कर्मियों के लिए झुनझुने का भी प्रावधान नही किया गया है।
वैसे भी विभागों से पहले ही 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत कटौती वाले प्राक्कलन मंगाए गए थे। जनता को बजट से पहले ही कोई आशाएं नही थी जो आज सही साबित हुई है। गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए की गई घोषणाओं को धरातल पर उतारना जरुरी है। छत्तीसगढ़ को गढ़ने के लिए कोई व्यवस्था की जा रही है । यह सब बजट में कहीं दिखाई नहीं पड़ता है।
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अमर ने अपनी प्रतिक्रिया में एक कविता को पेश किया। उन्होने कहा कि “वक्त था मुश्किल में ,तुमने क्या अच्छा सिला दिया, कर्ज के लिए कर्ज लेकर, सबको कर्ज में डुबो दिया”।