Friday, October 18, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
Homeअन्यक्राइमPunjab: फर्जी एनकाउंटर केस में पूर्व डीआईजी को सात साल व डीएसपी...

Punjab: फर्जी एनकाउंटर केस में पूर्व डीआईजी को सात साल व डीएसपी को उम्र कैद

Chandigarh : सीबीआई कोर्ट ने करीब तीन दशक पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में पंजाब पुलिस के एक डीएसपी को उम्रकैद और तत्कालीन डीआईजी को सात साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पूर्व अधिकारियों को गुरुवार को दोषी करार दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। सीबीआई कोर्ट का यह फैसला तब आया है, जब शिकायतकर्ता चमन लाल की मौत हो चुकी है।

बेटे को जबरन उठा ले गई थी पुलिस

1996 में अमृतसर के जंडियाला रोड निवासी चमन लाल की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था। उन्होंने शिकायत में कहा था कि 22 जून 1993 को तत्कालीन डीएसपी दिलबाग सिंह के नेतृत्व में तरनतारन पुलिस की टीम उनके बेटे गुलशन को जबरन उठा ले गई। कुछ समय बाद उनके दो बेटों प्रवीण कुमार और बॉबी कुमार को भी अपने साथ ले गई।

यह भी पढ़ेंः-वाइन डिलीवरी के नाम पर ठगी करने वाला साइबर ठगी गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस

30 सालों तक परिवार ने झेली परेशानियां

पुलिस ने प्रवीण और बॉबी कुमार को छोड़ दिया, लेकिन गुलशन को नहीं छोड़ा। एक महीने बाद 22 जुलाई 1993 को फर्जी एनकाउंटर में गुलशन की मौत हो गई। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई जांच के दौरान 32 गवाह पेश किए गए, लेकिन सिर्फ 15 ने ही गवाही दी। मामले में शिकायतकर्ता चमन लाल की भी मौत हो चुकी है। सीबीआई के लॉ ऑफिसर अनमोल नारंग और शिकायतकर्ता के वकील सबरजीत सिंह वेरका ने निर्दोष सब्जी विक्रेता की हत्या करने वालों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। परिवार का कहना है कि गुलशन का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था। इसके बावजूद उनके परिवार पर यह कलंक लगा दिया गया। परिवार 30 साल से ज्यादा समय तक तकलीफें झेलता रहा। इस दौरान उनका घर पूरी तरह बर्बाद हो गया। आज मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में पंजाब पुलिस के पूर्व डीआईजी दिलबाग सिंह को 7 साल कैद और रिटायर्ड डीएसपी गुरबचन सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें) 

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें