लखनऊः गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से अंसारी ब्रदर्स को सजा होने के बाद के बाद भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बसपा और सपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अंसारी ब्रदर्स को सजा होने के बाद अब बसपा और सपा को माफी मांग लेनी चाहिए, शायद इससे उनके कुछ पाप कम हो जाएं।
शनिवार को जारी बयान में राज्यसभा सांसद ने कहा कि गाजीपुर की एमपीए-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी को सजा सुनाई गई है। मुख्तार को सुनाई गई यह चौथी सजा निर्णायक साबित होगी। इस परिवार ने जो माननीय का कवच ओढ़ रखा है उस कवच को न्यायालय के फैसले से उखाड़कर फेंक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आज मैं याद दिलाना चाहता हूं कि 2022 के चुनाव में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने कहा था कि भैया से बात कर लिया हूं। छह माह तक अधिकारियों के तबादले नहीं होंगे, उनसे हिसाब लिया जाएगा और आज मुख्तार अंसारी सहित बड़े माफियाओं का हिसाब किया जा रहा है। आज वह गवाह नहीं तोड़ पा रहे हैं। माफियाओं के जो भी मुकदमें लंबित चल रहे हैं, उन सब पर न्यायालय सजाएं सुना रही है। अब इन माफियाओं की हैसियत नहीं है कि ये गवाहों को तोड़ लें या फिर उन्हें धमकाएं। इन माफियाओं को को माननीय बनाने में बसपा और सपा का हाथ है।
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उन्होंने कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने वाराणसी में एक रैली में इस माफिया को गरीबों का मसीहा कहा था। 1996 में सबसे पहले मुख्तार अंसारी को विधायक बनाने वाली मायावती ही थीं। समाजवादी पार्टी ने तो हद कर दी। इस पार्टी दोनों भाईयों को सांसद बनाया। मुख्तार के बड़े बेटे को मोहम्मदाबाद से विधायक बनाया। उन्होंने सपा-बसपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के मामले में कहीं न कहीं तार इन पार्टियों से जुड़े थे। मुलायम सिंह ने प्रज्युकेशन सेक्शन नहीं दिया था। दो लोगों को सजा हुई थी मुख्तार अंसारी को खुलेआम बचाया गया था। सपा इन माफियाओं के साथ हमेशा खड़ी रही। आज इन माफिया ब्रदर्स को कोर्ट से सजा मिलने के बाद बसपा और सपा को माफी मांग लेना चाहिए था।
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