प्रतापगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि वह दो समाजों में विश्वास करती हैं। एक स्त्री समाज और दूसरा पुरुष समाज। दोनों बराबर हैं, किसी को कम नहीं आंका जाना चाहिए, लेकिन आज भी महिलाओं को कम करके आंका जाता है, जो कि गलत है।
वे प्रतापगढ़ जिले के होरी गांव में मुरलीधर महाराज की रामकथा कार्यक्रम में बोल रही थीं। उनके साथ पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी भी थे। राजा ने भी होरी के हनुमान जी के दर्शन किए। उन्होंने प्रतापगढ़ में पूर्व मंत्री का हालचाल जानने के बाद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आजकल अली बाबा चालीस चोर का एक ही शोर है। राजस्थान में कमान ऐसे लोगों के हाथ में है। उन्होंने सोचा कि कहीं आने, खाने और मौज-मस्ती करने की जरूरत तो नहीं है।
राजे ने कहानी का अंत यह कहते हुए किया कि भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत और हनुमान हमें हर मुश्किल का डटकर सामना करना सिखाते हैं। राम वनवास गए और साबित किया कि वे दशरथ के एक आज्ञाकारी पुत्र थे। उन्होंने शबरी के जूठे बेर खाकर जाति से ऊपर उठने का संदेश दिया। राम को वनवास मिला, सीता और लक्ष्मण को नहीं। फिर भी वे गए। एक ने अपनी पत्नी और दूसरे ने अपने भाई का कर्तव्य निभाया।
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राज्याभिषेक भरत का होना था, पर भरत इसके लिए तैयार नहीं थे। उसने भगवान के चरणों को सिंहासन पर रखकर राज्य चलाया। वहीं आज मौका मिलते ही लोग कुर्सी हड़पने की कोशिश करने लगते हैं। जब भी वफादारी की बात होती है तो राम भक्त हनुमान का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन आजकल तो सबसे पहले वही छोड़ते हैं, जिन्हें आपने हनुमान बनाया था। जिस पर प्रभु की कृपा होती है उसे डरने की कोई बात नहीं है। जीत हमेशा उसकी होती है।
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